जलललिता की पुण्यतिथि पर प्रतिद्वंद्वियों ने साधा पलानीस्वामी पर निशाना

जलललिता की पुण्यतिथि पर प्रतिद्वंद्वियों ने साधा पलानीस्वामी पर निशाना

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  • Publish Date - December 5, 2022 / 07:59 PM IST,
    Updated On - December 5, 2022 / 07:59 PM IST

(तस्वीर के साथ)

चेन्नई, पांच दिसंबर (भाषा) अन्नाद्रमुक की पूर्व प्रमुख जे. जयललिता की छठी पुण्यतिथि पर सोमवार को पार्टी के अंतरिम प्रमुख एडप्पाडी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) प्रतिद्वंद्वी नेता ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) और अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) प्रमुख टीटीवी दिनाकरन के निशाने पर रहे।

दिनाकरन ने ईपीएस खेमे को जहां ‘‘निरंकुश’’ और ‘‘स्वार्थी’’ बताया, वहीं वीके शशिकला ने एकता का अपना मंत्र दोहराया।

ईपीएस के नेतृत्व वाली मुख्य विपक्षी अन्नाद्रमुक ने बिना किसी का नाम लिए ओपीएस और दिनाकरन खेमे को ‘‘विश्वासघाती’’ कहकर खारिज किया। पार्टी ने तमिलनाडु में 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने का संकल्प लिया और सत्तारूढ़ द्रमुक पर आरोप लगाया कि वह उसके नेताओं के खिलाफ ‘‘झूठे मामले’’ गढ़ रही है।

इस मौके पर ईपीएस, ओपीएस, जयललिता की विश्वासपात्र शशिकला और उनके रिश्तेदार एवं एएमएमके महासचिव दिनाकरन ने ‘अम्मा’ के नाम पर अपने-अपने राजनीतिक रुख को दोहराया। ईपीएस खेमा दिनाकरन, शशिकला और ओपीएस के निशाने पर रहा। इन सभी को अलग-अलग समय पर अन्नाद्रमुक से निष्कासित किया गया था।

नेताओं ने एक के बाद एक अलग-अलग यहां मरीना बीच पर जयललिता के स्मारक पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।

अपने अंतरिम महासचिव पलानीस्वामी के नेतृत्व में, अन्नाद्रमुक के पदाधिकारियों ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तमिलनाडु में ‘बड़ा, विजयी गठबंधन’ बनाने और ‘ऐतिहासिक जीत’ हासिल करने का संकल्प लिया।

उन्होंने परोक्ष संदर्भ देते हुए ओपीएस के नेतृत्व वाले खेमे और अन्य को विश्वासघाती करार दिया। अन्नाद्रमुक ने बार-बार ओपीएस, शशिकला और दिनाकरन के साथ तालमेल की किसी भी गुंजाइश से इनकार किया है।

पनीरसेल्वम और उनके प्रति आस्था रखने वालों ने ईपीएस शिविर के ‘‘निरंकुश’’ तरीकों को समाप्त करने का संकल्प लिया। वहीं, शशिकला के नेतृत्व में उनके समर्थकों ने एकता के नारे को दोहराया।

यहां दिवंगत नेता के स्मारक पर बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक काले रंग की पोशाक पहनकर पहुंचे।

पार्टी कार्यकर्ताओं ने दिवंगत नेता के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प किया और कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री एमजीआर (एम. जी. रामचंद्रन) द्वारा स्थापित पार्टी को जयललिता ने ‘‘बुरी ताकतों को दूर भगाने’’ और तमिलनाडु को गौरवान्वित करने के लिए आगे बढ़ाया।

जयललिता का पांच दिसंबर 2016 को निधन हो गया था।

भाषा नेत्रपाल प्रशांत

प्रशांत