कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा ‘कांग्रेस ही दे सकती है स्थिर सरकार’

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा ‘कांग्रेस ही दे सकती है स्थिर सरकार’

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा ‘कांग्रेस ही दे सकती है स्थिर सरकार’
Modified Date: December 8, 2024 / 07:28 pm IST
Published Date: December 8, 2024 7:28 pm IST

बेल्लारी, आठ दिसंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने रविवार को कहा कि कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो स्थिर सरकार दे सकती है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासनकाल में राज्य में कई मुख्यमंत्री रहे थे।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा कभी अपने दम पर सत्ता में नहीं आई और राज्य में सरकार बनाने के लिए उसे करोड़ों रुपये खर्च करके खरीद-फरोख्त करने की जरूरत पड़ी।

सिद्धरमैया ने बेल्लारी जिले के संदूर में ‘जन कल्याण समावेश’ (लोक कल्याण बैठक) में कहा, “भाजपा ने कभी स्थिर सरकार नहीं दी। 2008 से 2013 तक तीन मुख्यमंत्री रहे। फिर 2019 से 2023 तक दो मुख्यमंत्री रहे।”

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यह जनसभा हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अन्नपूर्णा तुकाराम को जिताने के लिए संदूर के मतदाताओं को धन्यवाद देने के लिए आयोजित की गई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “जब मैं 2013 में मुख्यमंत्री बना था तब हमारे पास 221 विधायक थे। फिर 2023 में हमने 136 सीट पर जीत हासिल की। हम एक स्थिर सरकार देंगे।”

सिद्धरमैया ने 2013 से 2018 तक पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कभी भी लोगों के आशीर्वाद से सत्ता में नहीं आई।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हमेशा ‘ऑपरेशन लोटस’ कर राज्य में सरकार बनाई और विधायकों को खरीदने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए।

सिद्धरमैया ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा। उन्हें बताना चाहिए कि विधायकों को खरीदने के लिए पैसा कहां से आया।”

उन्होंने भाजपा और जनता दल सेक्युलर पर कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को गिराने की पुरजोर कोशिश करने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्षी भाजपा और जदएस उनकी सरकार को गिरते देखने का इंतजार कर रहे हैं।

सिद्घरमैया के अनुसार, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र, विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बनने के लिए एक-दूसरे से होड़ कर रहे हैं, ‘जो कभी नहीं होगा’।

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन


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