खुफिया जानकारी ने लिये पाक जासूसों ने किया अवैध भारतीय टेलीफोन एक्सचेंजों का इस्तेमाल | Pak spies use illegal Indian telephone exchanges for intelligence inputs

खुफिया जानकारी ने लिये पाक जासूसों ने किया अवैध भारतीय टेलीफोन एक्सचेंजों का इस्तेमाल

खुफिया जानकारी ने लिये पाक जासूसों ने किया अवैध भारतीय टेलीफोन एक्सचेंजों का इस्तेमाल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : June 10, 2021/11:47 am IST

(सुमीर कौल)

बेंगलुरु/नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी द्वारा पूर्वी भारत में स्थित एक सैन्य प्रतिष्ठान पर की गई फोन कॉल के बाद हुई पड़ताल से बेंगलुरु में एक अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा हुआ जिससे यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह की व्यवस्था का संचालन हो रहा था। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

इस गिरोह का पर्दाफाश सेना की दक्षिणी कमान की सैन्य खुफिया शाखा ने किया जिसने कुछ हफ्तों पहले पूर्वी भारत में एक सैन्य प्रतिष्ठान पर की गई फोन कॉल को पकड़ा था।

कॉल के दौरान पाकिस्तान का एक जासूस वरिष्ठ अधिकारी बनकर सामान्य विवरण के बारे में जानकारी मांग रहा था।

खुफिया विभाग के कर्मियों ने आगे जांच करने पर पाया कि विभिन्न इकाइयों जैसे ‘मूवमेंट कंट्रोल ऑफिस’ (एमसीओ) के साथ ही रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (पीसीडीए) आदि के दफ्तरों में भी ऐसे फोन कॉल कर उनसे विवरण प्राप्त करने की कोशिश की गई थी।

गहन जांच के बाद इस पूरे घोटाले का खुलासा हुआ जिसमें पाकिस्तान स्थिति खुफिया इकाई के लोग भारतीय नागरिकों से संपर्क करने और सैन्य प्रतिष्ठानों की जानकारी हासिल करने के लिये इन अवैध एक्सचेंज के माध्यम से कॉल करते थे।

अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया कर्मियों ने उन अवैध कॉल एक्सचेंज में निवेश करने का तरीका अपनाया जो इंटरनेट के जरिये की जाने वाली कॉल (वीओआईपी) को सामान्य भारतीय मोबाइल कॉल में बदल देते हैं।

इस अवैध संचालन के लिये एसआईएम बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है जो समानांतर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने के काम आता है।

अधिकारियों ने बताया कि सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल (एसआईएम) बॉक्स जिसे एसआईएम बैंक के तौर पर भी जाना जाता है, एक हार्डवेयर आधारित उपकरण है जिसका इस्तेमाल दूरसंचार सेक्टर में सीधे ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्यूनिकेशंस (जीएसएम) संचार को खत्म करने के लिये किया जाता है।

एक संचालक सिम कार्ड के ‘माइग्रेशन’ नाम की तकनीक का इस्तेमाल करता है, जिसमें सिम कार्ड का पंजीकरण एक विशिष्ट आवृत्ति के साथ विभिन्न जीएसएम मॉड्यूल पर आता-जाता रहता है, जिससे शहर या एक कस्बे में स्थित कई जीएसएम गेटवे बनते हैं और यह प्रणाली ऐसा भ्रम पैदा करती है कि उपभोक्ता की वास्तविक आवाजाही हो रही है और नजर आता है कि कॉल विभिन्न गेटवे के माध्यम से की जा रही है।

ऐसा करने से सिम कार्ड को सेवा प्रदाता द्वारा ब्लॉक किये जाने से रोकने और सरकारी एजेंसियों द्वारा पकड़ में आने से मदद मिलती है।

इन अवैध एक्सचेंजों से न सिर्फ सेलुलर नेटवर्क को नुकसान होता है बल्कि सरकार को भी नुकसान होता है क्योंकि यह गैर पंजीकृत संचालन है और इससे बनने वाला रुपया बेनामी होता है और कर के दायरे में नहीं आता जिसका उपयोग राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में बिना पकड़ में आए किया जा सकता है।

अधिकारियों ने कहा कि यह पाया गया है कि “शत्रु राष्ट्र” अक्सर इन एसआईएम बॉक्सों का इस्तेमाल संवेदनशील जानकारी हासिल करने और देश में घुसपैठ कर चुके अपने एजेंटों से संपर्क के लिये करता है।

इस गिरोह का खुलासा तब हुआ जब बेंगलुरु पुलिस के आतंकवाद निरोधी प्रकोष्ठ ने दक्षिण कमान की सैन्य खुफिया इकाई की मदद से दो लोगों को गिरफ्तार किया जो अवैध फोन एक्सजेंच चला रहे थे, अंतरराष्ट्रीय कॉल को राष्ट्रीय कॉल में बदल कर राजस्व को बड़ा नुकसान पहुंचाने के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये भी खतरा उत्पन्न कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इन लोगों के पास से 32 सिम बॉक्स उपकरण जब्त किये गए जो एक बार में 960 सिम कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं।

केरल के मालाप्पुरम के रहने वाले इब्राहिम मुलात्ती बिन मोहम्मत कुट्टी और तमिलनाडु के तिरुपुर के रहने वाले गौतम बी विश्वनाथन ने अपनी अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिये शहर के छह इलाकों में 32 उपकरण लगाए थे।

वीओआईपी कॉल के खत्म होने के बाद उसी कॉल को लक्षित फोन के लिये फिर से लगाया जाता था और उस पर नंबर भारतीय नजर आता था।

भारतीय सेना ने इस तरह सूचनाओं को लीक होने से रोकने के लिये कई परामर्श जारी किये हैं और मानक संचालन प्रक्रिया भी तैयार की है। हालांकि कई असैन्य कर्मी अब भी जालसाजों के झांसे में आ जा रहे हैं।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)