Firecracker Ban in Karnataka: दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़ पाएगी प्रदेश की जनता, सीएम ने लगाया बैन, दी सिर्फ इस बात की अनुमति
Firecracker Ban in Karnataka: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस साल दिवाली के दौरान केवल हरे पटाखों (ग्रीन क्रैकर्स) के उपयोग की
Firecracker Ban in Karnataka
बेंगलुरु : Firecracker Ban in Karnataka: देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है। 31 अक्टूबर को देशभर में दिवाली मनाई जाएगी। इसी बीच कर्नाटक के लोगों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। कर्नाटक की जनता इस साल दिवाली नहीं मना सकेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस साल दिवाली के दौरान केवल हरे पटाखों (ग्रीन क्रैकर्स) के उपयोग की अनुमति दी है। उन्होंने जिला कलेक्टर्स और जिला पुलिस अधीक्षकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसे पटाखों की अनुमति किसी भी हाल में नहीं दी जानी चाहिए, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। मुख्यमंत्री ने पटाखों की भंडारण और बिक्री प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही न होने पर जोर दिया और निर्देश दिया कि सभी सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाए।
नियमों का पालन नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई
Firecracker Ban in Karnataka: सीएम सिद्धारमैया ने आगे कहा कि, नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और जरूरत पड़ने पर विक्रेताओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। सिद्धारमैया ने यह भी स्पष्ट किया कि पटाखों को जलाने का समय रात 8 बजे से 10 बजे तक ही निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, हरे पटाखों के अलावा किसी अन्य प्रकार के पटाखों की बिक्री नहीं की जा सकती। इन नियमों का उल्लंघन करने पर पटाखा विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रशासन से भी कहा है कि इन नियमों का कड़ाई से पालन करवाने के लिए वह सख्ती से निगरानी रखें। उन्होंने जनता से अपील की है कि दिवाली का त्योहार सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल तरीके से मनाया जाए।
ग्रीन क्रैकर्स से कम होता है प्रदूषण
Firecracker Ban in Karnataka: ग्रीन क्रैकर्स की बात करें तो ये पटाखे पर्यावरण के प्रति कम हानिकारक माने जाते हैं। इनसे होने वाला प्रदूषण सामान्य पटाखों की तुलना में कम होता है। सरकार ने यह कदम पर्यावरण की सुरक्षा और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया है, ताकि त्योहार के समय में हवा की गुणवत्ता खराब न हो और लोगों की सेहत पर इसका नकारात्मक असर न पड़े।

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