सरकारी परिसर के इस्तेमाल के लिए अनुमति की अनिवार्यता का मकसद किसी को निशाना बनाना नहीं: शिवकुमार
सरकारी परिसर के इस्तेमाल के लिए अनुमति की अनिवार्यता का मकसद किसी को निशाना बनाना नहीं: शिवकुमार
बेंगलुरु, 19 अक्टूबर (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने किसी भी निजी संगठन, संघ या व्यक्तियों के समूह द्वारा सरकारी संपत्ति या परिसर का उपयोग करने के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य किए जाने के फैसले का रविवार को बचाव करते हुए कहा कि वह केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्ववर्ती शासन के आदेशों को लागू कर रहे हैं।
शिवकुमार ने इन आरोपों को तवज्जो नहीं दी कि शनिवार को जारी सरकारी आदेश का उद्देश्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना था।
शिवकुमार ने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने किसी के बारे में (विशेष रूप से) बात नहीं की है। जब जगदीश शेट्टार मुख्यमंत्री थे, तब भाजपा सरकार ने कुछ आदेश जारी किए थे। उन आदेशों को लागू करने के लिए हमने उन्हें नए सिरे से परिभाषित किया है। हमने कोई बदलाव नहीं किया है। हमने भाजपा सरकार के आदेशों को जारी रखा है।’’
शनिवार के सरकारी आदेश में हालांकि विशेष रूप से आरएसएस का नाम नहीं लिया गया लेकिन कहा जा रहा है कि आदेश के प्रावधानों का उद्देश्य ‘पथ संचलन’ कार्यक्रम समेत संगठन की गतिविधियों को प्रभावित करना है।
यह आदेश बृहस्पतिवार को कैबिनेट द्वारा लिए गए एक निर्णय पर आधारित है, जो राज्य के मंत्री प्रियंक खरगे द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को लिखे गए उस पत्र के बाद लिया गया था जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी।
भाषा सिम्मी शोभना
शोभना

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