पुरुषों के सौंदर्य प्रसाधन संबंधी ब्रांड के ‘आपत्तिजनक’ शब्द वाले प्रस्तावित ट्रेडमार्क के खिलाफ याचिका खारिज
पुरुषों के सौंदर्य प्रसाधन संबंधी ब्रांड के ‘आपत्तिजनक’ शब्द वाले प्रस्तावित ट्रेडमार्क के खिलाफ याचिका खारिज
नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया जिसमें पुरुषों के सौंदर्य प्रसाधन के एक ब्रांड के प्रस्तावित ट्रेडमार्क ‘जानवरों पर नहीं सिर्फ धूर्तों पर आजमाया गया’ को लेकर आपत्ति जताई गई थी। याचिका में दलील दी गई थी कि यह आपत्तिजनक है और एक खास समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है।
न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने कहा कि “शब्द ‘धूर्त’ इतना भयावह नहीं है” और याचिकाकर्ता से पूछा कि आवेदित ट्रेडमार्क में इस्तेमाल किया गया शब्द कैसे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करता है।
याचिकाकर्ता ने “उस्तरा” ब्रांड नाम के तहत आने वाले सभी उत्पादों के ट्रेडमार्क आवेदन को रद्द करने की मांग की थी जिसमें “जानवरों पर नहीं सिर्फ धूर्तों पर आजमाया हुआ” लाइन का इस्तेमाल किया गया था। याचिका में दलील दी गई थी कि ‘धूर्त’ शब्द आपत्तिजनक व असभ्य है तथा उत्पाद की बिक्री, कारोबार या संवर्धन के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
इस ब्रांड का स्वामित्व ‘हैपिली अनमैरिड मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड’ के पास है।
याचिका में दावा किया गया है कि ‘पंचलाइन’ ज्यादा आक्रामक है क्योंकि इसमें पगड़ी पहने व्यक्ति की चित्रलिपि दिखती है जिससे व्यक्ति एक समुदाय विशेष का प्रतीक होता है।
न्यायाधीश ने हालांकि कहा, “मुझे ट्रेडमार्क में कुछ भी आपत्तिजनक नजर नहीं आता।”
उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को ऐसी बेतुकी याचिका दायर कर न्यायपालिका का समय जाया करने को लेकर फटकार लगाते हुए जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी।
भाषा
प्रशांत अनूप
अनूप

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