दिल्ली सरकार के अधिकारी को वक्फ बोर्ड प्रशासक के पद से हटाने के लिए याचिका दायर

दिल्ली सरकार के अधिकारी को वक्फ बोर्ड प्रशासक के पद से हटाने के लिए याचिका दायर

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  • Publish Date - April 19, 2024 / 09:03 PM IST,
    Updated On - April 19, 2024 / 09:03 PM IST

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करके दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (गृह) अश्विनी कुमार को दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक पद से हटाने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कुमार पर वक्फ संपत्तियों के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया गया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पी एस अरोड़ा की पीठ ने याचिका को 30 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

याचिका में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड के प्रशासक उस धार्मिक समिति के अध्यक्ष भी है जिसने कई वक्फ संपत्तियों को ‘हटाने और ढहाने’ की सिफारिश की है।

‘‘सेक्युलर फ्रंट ऑफ लॉयर्स’’ द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है, ‘‘किसी संगठन में प्रशासक की नियुक्ति संगठन के कल्याण और बेहतरी के लिए की जाती है और ऐसे व्यक्ति को उस संगठन के हितों की रक्षा करनी होती है। हालांकि, वर्तमान मामले में, दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक पूरी तरह से वक्फ संपत्तियों के खिलाफ काम कर रहे हैं। उनकी रक्षा करने के बजाय, वह वक्फ संपत्तियों को नष्ट करने के लिए बैठे हैं।’’

वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद और वकील इमरान अहमद एवं रोहित शर्मा याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि पिछले एक साल में, धार्मिक समिति ने दरगाह मामू भांजा, सुनेहरी बाग मस्जिद, मस्जिद मदरसा कंगाल शाह और अखुंदजी मस्जिद सहित कई वक्फ संपत्तियों को हटाने/ढहाने की सिफारिश की है।

याचिका में कहा गया है कि धार्मिक समिति की ‘गलत सिफारिश’ पर दरगाह मामू भांजा के एक बड़े हिस्से को ढहा दिया गया है और 600 साल से अधिक पुरानी अखूंदजी मस्जिद को पूरी तरह से ढहा दिया गया है।

इसमें कहा गया है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड को 26 अगस्त, 2023 को भंग कर दिया गया था क्योंकि इसका पांच साल का वैधानिक कार्यकाल समाप्त हो गया था। अश्विनी कुमार को 10 जनवरी, 2024 को बोर्ड के प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया था।

याचिका में कहा गया है, ‘‘धार्मिक समिति के अध्यक्ष/प्रमुख के रूप में, वह वक्फ संपत्तियों को हटाने/ढहाने के आदेश पारित कर रहे हैं जो उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। प्रशासक की हैसियत से, प्रतिवादी नंबर 3 (कुमार) दिल्ली वक्फ बोर्ड के नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं और अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व की हैसियत से, वह राजस्व विभाग के प्रमुख हैं, जिससे बोर्ड को इसके खर्चों के लिए अनुदान प्राप्त होता है।’’

इसमें कुमार को बोर्ड के प्रशासक के रूप में नियुक्ति वाले पत्र को इस आधार पर रद्द करने का अनुरोध किया गया है कि वह अवैध है।

याचिका में दिल्ली सरकार, राजस्व मंत्री आतिशी, अश्विनी कुमार, दिल्ली वक्फ बोर्ड और दिल्ली वक्फ परिषद को प्रतिवादी बनाया गया है।

भाषा अमित अविनाश

अविनाश