डबल डेकर वायडक्ट मेट्रो परियोजना में खामियों के आरोपों वाली याचिका को ज्ञापन की तरह लिया जाए: अदालत

डबल डेकर वायडक्ट मेट्रो परियोजना में खामियों के आरोपों वाली याचिका को ज्ञापन की तरह लिया जाए: अदालत

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  • Publish Date - September 7, 2021 / 07:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:51 PM IST

नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि उत्तर पूर्व दिल्ली में मेट्रो की डबल डेकर वायडक्ट पिंक लाइन में खामियों के आरोप वाली याचिका को ज्ञापन के रूप में लिया जाए। याचिका में आरोप है कि परियोजना से हजारों पेड़ काटने पड़ेंगे और लोगों को असुविधा होगी।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने संबंधित अधिकारियों से परियोजना की प्रकृति एवं महत्व को ध्यान में रखते हुए ज्ञापन पर कानून, नियमों तथा सरकारी नीति के अनुसार यथासंभव जल्द फैसला लेने को कहा।

पीठ ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि परियोजना को संबंधित प्रतिवादियों ने मंजूरी दे दी है। परियोजना की प्रकृति और महत्व को देखते हुए हम प्रतिवादी संख्या 2 (दिल्ली सरकार) और ऐसे अन्य जिम्मेदार प्रतिवादियों को नियम, कानून तथा सरकार नीति के अनुसार यथासंभव जल्द से जल्द ज्ञापन पर फैसला करने का निर्देश देते हैं।’’

अधिवक्ता एस डी विंदलेश और जैन आरोग्य नेचुरोकेयर वेल्फेयर सोसाइटी द्वारा दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि सड़क संख्या 59 पर डबल डेकर वायडक्ट डीएमआरसी पिंक लाइन परियोजना में गंभीर और बुनियादी कमियां हैं और अगर इसे लागू किया जाता है तो परियोजना से अव्यवस्था होगी और 50 से 70 साल पुराने हजारों पेड़ काटे जाएंगे।

योजना के अनुसार यमुना विहार और भजनपुरा स्टेशनों के बीच 1.4 किलोमीटर की पट्टी पर डबल डेकर वायडक्ट में ऊपरी डेक में मेट्रो की पटरियां होंगी तथा वाहनों के यातायात के लिए नीचे एक फ्लाईओवर होगा।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश