Mann Ki Baat 121 Episode/ Image Credit: IBC24 File Photo
नई दिल्ली: Mann Ki Baat 121 Episode: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने लोकप्रिय मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 121वें एपिसोड में देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए देशवासियों के साथ अपना दर्द साझा किया। उन्होंने इस हमले में शहीद हुए नागरिकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और पीड़ित परिवारों को न्याय का भरोसा दिलाया।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत देशवासियो को नमस्कार कर के किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि, आज जब मैं आपसे ‘मन की बात’ कर रहा हूँ, तो मेरे मन में बहुत पीड़ा है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई आतंकी घटना ने देश के हर नागरिक को आहत किया है। हर भारतीय की पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है। चाहे आप किसी भी राज्य से हों, चाहे आप कोई भी भाषा बोलते हों, इस हमले में अपने प्रियजनों को खोने वालों का दर्द हर किसी को महसूस हो रहा है। मैं महसूस कर सकता हूँ कि आतंकी हमले की तस्वीरें देखकर हर भारतीय का खून खौल रहा है। पहलगाम में हुआ यह हमला आतंकवाद के संरक्षकों की हताशा को दिखाता है, उनकी कायरता को दिखाता है… ऐसे समय में जब कश्मीर में शांति लौट रही थी, स्कूल-कॉलेजों में रौनक थी, निर्माण कार्यों में अभूतपूर्व गति आई थी, लोकतंत्र मजबूत हो रहा था, पर्यटकों की संख्या रिकॉर्ड दर से बढ़ रही थी, लोगों की आय बढ़ रही थी, युवाओं के लिए नए अवसर बन रहे थे। देश के दुश्मनों को, जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को यह पसंद नहीं आया। आतंकवादी और आतंक के आका चाहते हैं कि कश्मीर फिर से तबाह हो जाए और इसलिए उन्होंने इतनी बड़ी साजिश को अंजाम दिया। आतंकवाद के खिलाफ इस युद्ध में देश की एकता, 140 करोड़ भारतीयों की एकजुटता, हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यह एकता आतंकवाद के खिलाफ हमारी निर्णायक लड़ाई का आधार है। देश के सामने आई इस चुनौती का सामना करने के लिए हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा। एक राष्ट्र के रूप में हमें दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देना होगा। आज दुनिया देख रही है, इस आतंकी हमले के बाद पूरा देश एक स्वर में बोल रहा है।
Mann Ki Baat 121 Episode: पीएम मोदी ने आगे कहा कि, हम भारत के लोगों के मन में जो गुस्सा है, वो गुस्सा पूरी दुनिया में है। इस आतंकी हमले के बाद पूरी दुनिया से लगातार संवेदनाएं आ रही हैं। वैश्विक नेताओं ने मुझे फोन भी किया है, पत्र भी लिखे हैं और संदेश भी भेजे हैं। सभी ने इस जघन्य आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में पूरा विश्व 140 करोड़ भारतीयों के साथ खड़ा है। मैं एक बार फिर प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाता हूं कि उन्हें न्याय मिलेगा, और न्याय होगा। इस हमले के साजिशकर्ताओं और साजिशकर्ताओं को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, दो दिन पहले ही हमने देश के महान वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन जी को खो दिया। मैं जब भी कस्तूरीरंगन जी से मिलता था, तो भारतीय युवाओं की प्रतिभा, आधुनिक शिक्षा, अंतरिक्ष विज्ञान जैसे विषयों पर चर्चा करता था। विज्ञान, शिक्षा और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाई देने में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व में इसरो ने नई पहचान बनाई। उनके मार्गदर्शन में आगे बढ़े अंतरिक्ष कार्यक्रमों ने भारत के प्रयासों को वैश्विक पहचान दिलाई। भारत आज जिन उपग्रहों का उपयोग करता है, उनमें से कई डॉ. कस्तूरीरंगन की देखरेख में ही प्रक्षेपित किए गए थे।
Mann Ki Baat 121 Episode: उनके व्यक्तित्व का एक और विशेष पहलू था, जिससे युवा पीढ़ी सीख सकती है। वे हमेशा नवाचार को महत्व देते थे। सीखने, जानने और कुछ नया करने की उनकी दृष्टि बहुत प्रेरणादायक है। देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तैयार करने में भी डॉ. के. कस्तूरीरंगन की प्रमुख भूमिका रही। डॉ. कस्तूरीरंगन 21वीं सदी की आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार दूरदर्शी शिक्षा का विचार लेकर आए थे। देश के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। मैं बहुत विनम्रतापूर्वक डॉ. के. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, मेरे प्यारे देशवासियो, इस अप्रैल महीने में आर्यभट्ट सैटेलाइट के प्रक्षेपण को 50 साल हो रहे हैं। आज जब हम पीछे मुड़कर 50 साल की इस यात्रा को याद करते हैं तो हमें एहसास होता है कि हम कितने आगे निकल आए हैं। अंतरिक्ष में भारत के सपनों की ये उड़ान कभी सिर्फ दृढ़ विश्वास के साथ शुरू हुई थी। देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा लिए कुछ युवा वैज्ञानिक… उनके पास न तो आज जैसे आधुनिक संसाधन थे और न ही दुनिया की तकनीक तक उनकी पहुँच थी। अगर उनके पास कुछ था तो वो था हुनर, लगन, कड़ी मेहनत और देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा। आपने हमारे वैज्ञानिकों की तस्वीरें देखी होंगी जिसमें वो बैलगाड़ी और साइकिल पर खुद ही जरूरी उपकरण ले जाते थे। इसी समर्पण और राष्ट्र सेवा की भावना का परिणाम है कि आज इतना कुछ बदल गया है। आज भारत एक ग्लोबल स्पेस पावर बन गया है। हमने एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च करके कीर्तिमान बनाया है। हम चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाले पहले देश बन गए हैं।
Mann Ki Baat 121 Episode: भारत ने मार्स ऑर्बिटर मिशन लॉन्च किया है और आदित्य-एल1 मिशन के जरिए हम सूर्य के काफी करीब पहुंच गए हैं। आज भारत पूरी दुनिया में सबसे कम खर्च में लेकिन सफल स्पेस प्रोग्राम का नेतृत्व कर रहा है। दुनिया के कई देश अपने सैटेलाइट और स्पेस मिशन के लिए इसरो की मदद लेते हैं। दोस्तों, जब हम इसरो द्वारा किसी सैटेलाइट को लॉन्च होते देखते हैं तो हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। मुझे भी कुछ ऐसा ही अहसास हुआ था जब मैंने 2014 में पीएसएलवी-सी-23 का प्रक्षेपण देखा था। मैं 2019 में चंद्रयान-2 की लैंडिंग के दौरान भी बेंगलुरु में इसरो सेंटर में मौजूद था। उस समय चंद्रयान विफल रहा था।
उम्मीद के मुताबिक सफलता पाने के लिए वैज्ञानिकों के लिए यह बहुत कठिन समय था। लेकिन मैंने अपनी आंखों से वैज्ञानिकों के धैर्य और कुछ कर गुजरने के उनके जज्बे को देखा। और कुछ साल बाद पूरी दुनिया ने भी देखा कि कैसे उन्हीं वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को सफल बनाया।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, अब भारत ने अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए भी खोल दिया है। आज कई युवा अंतरिक्ष स्टार्टअप के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। 10 साल पहले सिर्फ एक कंपनी थी, लेकिन आज देश में 325 से ज्यादा अंतरिक्ष स्टार्टअप काम कर रहे हैं। आने वाला समय अंतरिक्ष में ढेरों नई संभावनाओं का द्वार खोल रहा है। भारत नई ऊंचाइयों को छूने जा रहा है। देश गगनयान, स्पैडेक्स और चंद्रयान-4 जैसे कई महत्वपूर्ण मिशनों की तैयारी में जुटा हुआ है। हम वीनस ऑर्बिटर मिशन और मार्स लैंडर मिशन पर भी काम कर रहे हैं। हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिक अपने इनोवेशन से देशवासियों को नए गर्व से भरने वाले हैं।
Mann Ki Baat 121 Episode: आगे उन्होंने कहा, आपने पिछले महीने म्यांमार में आए भूकंप की भयावह तस्वीरें जरूर देखी होंगी। भूकंप ने वहां भारी तबाही मचाई… मलबे में फंसे लोगों के लिए हर सांस, हर पल कीमती था। इसीलिए भारत ने म्यांमार में अपने भाइयों और बहनों के लिए तुरंत ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया। वायुसेना के विमानों से लेकर नौसेना के जहाजों तक, सब कुछ म्यांमार की मदद के लिए भेजा गया। भारतीय टीम ने वहां एक फील्ड अस्पताल बनाया। इंजीनियरों की एक टीम ने महत्वपूर्ण इमारतों और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का आकलन करने में मदद की। भारतीय टीम ने कंबल, टेंट, स्लीपिंग बैग, दवाइयां, खाने-पीने का सामान और कई अन्य चीजें मुहैया कराईं। इन सबके दौरान भारतीय टीम को वहां के लोगों से काफी सराहना भी मिली।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, इस संकट में साहस, धैर्य और सरलता के कई दिल को छू लेने वाले उदाहरण सामने आए। भारतीय टीम ने 70 साल से अधिक उम्र की एक बुजुर्ग महिला को बचाया, जो 18 घंटे से अधिक समय से मलबे में दबी हुई थी। जो लोग अभी टीवी पर ‘मन की बात’ देख रहे हैं, उन्हें उस बुजुर्ग महिला का चेहरा जरूर दिख रहा होगा। भारत की टीम ने उनके ऑक्सीजन लेवल को स्थिर करने से लेकर फ्रैक्चर के इलाज तक हर इलाज की सुविधा मुहैया कराई। जब इस बुजुर्ग महिला को अस्पताल से छुट्टी मिली, तो उसने हमारी टीम का आभार व्यक्त किया। उसने कहा कि भारतीय बचाव दल की वजह से उसे नया जीवन मिला है। कई लोगों ने हमारी टीम को बताया कि उनकी वजह से ही वे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को ढूँढ पाए।
Mann Ki Baat 121 Episode: भूकंप के बाद म्यांमार के मांडले में एक मठ में कई लोगों के फंसे होने की आशंका थी। हमारी टीम ने वहाँ भी राहत और बचाव अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें बौद्ध भिक्षुओं से बहुत आशीर्वाद मिला। हमें ऑपरेशन ब्रह्मा में भाग लेने वाले सभी लोगों पर बहुत गर्व है। हमारी अपनी परंपरा है, हमारे मूल्य हैं, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना है – पूरा विश्व एक परिवार है। संकट के समय विश्व-मित्र के रूप में भारत की तत्परता और मानवता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता हमारी पहचान बन रही है।
मुझे इथियोपिया, अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों के एक अभिनव प्रयास के बारे में पता चला है। इथियोपिया में रहने वाले भारतीयों ने जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए भारत भेजने की पहल की है। ऐसे कई बच्चों की भारतीय परिवारों द्वारा आर्थिक मदद भी की जा रही है। अगर किसी बच्चे का परिवार पैसे की कमी के कारण भारत नहीं आ पा रहा है, तो हमारे भारतीय भाई-बहन उसकी भी व्यवस्था कर रहे हैं। कोशिश ये है कि गंभीर बीमारी से पीड़ित इथियोपिया के हर जरूरतमंद बच्चे को बेहतर इलाज मिले। प्रवासी भारतीयों के इस नेक काम की इथियोपिया में खूब सराहना हो रही है। आप जानते ही हैं कि भारत में चिकित्सा सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है। दूसरे देशों के नागरिक भी इसका लाभ उठा रहे हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, अभी कुछ दिन पहले ही भारत ने अफगानिस्तान के लोगों के लिए बड़ी मात्रा में वैक्सीन भी भेजी है। ये वैक्सीन रेबीज, टेटनस, हेपेटाइटिस बी और इन्फ्लूएंजा जैसी खतरनाक बीमारियों से बचाव में काम आएंगी। इसी हफ्ते नेपाल के अनुरोध पर भारत ने वहां बड़ी मात्रा में दवाइयां और वैक्सीन भेजी हैं। इससे थैलेसीमिया और सिकलसेल बीमारी के मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। जब भी मानवता की सेवा की बात आती है, भारत हमेशा सबसे आगे रहा है और भविष्य में भी ऐसी हर जरूरत में सबसे आगे रहेगा।
हम अभी आपदा प्रबंधन की बात कर रहे थे और किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने में सबसे महत्वपूर्ण चीज है आपकी सतर्कता। इस सतर्कता में अब आपको अपने मोबाइल पर एक खास APP से मदद मिल सकती है। यह APP आपको किसी भी प्राकृतिक आपदा में फंसने से बचा सकता है और इसका नाम भी ‘सचेत’ है। ‘सचेत APP’ को भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने विकसित किया है। चाहे बाढ़ हो, चक्रवात हो, भूस्खलन हो, सुनामी हो, जंगल की आग हो, हिमस्खलन हो, तूफ़ान हो, तूफान हो या बिजली गिरना हो, ‘सचेत APP’ आपको हर तरह से सूचित और सुरक्षित रखने की कोशिश करता है। इस APP के ज़रिए आप मौसम विभाग से जुड़े अपडेट प्राप्त कर सकते हैं। खास बात यह है कि ‘सचेत APP’ आपको मौसम विभाग से जुड़ी हर जानकारी भी देता है।
Mann Ki Baat 121 Episode: 7 साल की कड़ी मेहनत के बाद उन पेड़ों पर फल लगने शुरू हो गए हैं। लीची उगाने में मिली सफलता ने इलाके के दूसरे किसानों को भी प्रेरित किया है। राजस्थान में जितेंद्र सिंह राणावत ने लीची उगाने में सफलता पाई है। ये सारे उदाहरण बहुत ही प्रेरणादायक हैं। अगर हम कुछ नया करने की ठान लें और मुश्किलों के बावजूद लगे रहें तो नामुमकिन को भी मुमकिन बनाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि, आज अप्रैल महीने का आखिरी रविवार है। कुछ ही दिनों में मई का महीना शुरू हो रहा है। मैं आपको आज से करीब 108 साल पहले ले चलता हूँ। साल 1917… अप्रैल और मई के ये दो महीने देश में आजादी की अनूठी लड़ाई लड़ी जा रही थी। अंग्रेजों का अत्याचार चरम पर था. गरीबों, वंचितों और किसानों का शोषण अमानवीय स्तर को पार कर चुका था। बिहार की उपजाऊ जमीन पर अंग्रेज किसानों को नील की खेती करने के लिए मजबूर कर रहे थे ऐसे में महात्मा गांधी 1917 में बिहार के चंपारण पहुंचे। किसानों ने गांधी महात्मा से कहा- “हमारी जमीन मर रही है, हमें खाने के लिए अनाज नहीं मिल रहा है।” लाखों किसानों की पीड़ा ने महात्मा गांधी के मन में संकल्प जगाया।
इसके बाद वहीं से चंपारण का ऐतिहासिक सत्याग्रह शुरू हुआ। ‘चंपारण सत्याग्रह’ भारत में बापू का पहला बड़ा प्रयोग था। बापू के सत्याग्रह से पूरी ब्रिटिश हुकूमत हिल गई थी। अंग्रेजों को किसानों को नील की खेती करने के लिए मजबूर करने वाले कानून को निलंबित करना पड़ा। यह एक ऐसी जीत थी जिसने स्वतंत्रता संग्राम में नया आत्मविश्वास भरा। आप सभी जानते ही होंगे कि इस सत्याग्रह में बिहार के एक और सपूत का भी बहुत बड़ा योगदान था, जो आजादी के बाद देश के पहले राष्ट्रपति बने। वह महान शख्सियत थे- डॉ. राजेंद्र प्रसाद। उन्होंने ‘चंपारण सत्याग्रह’ पर एक किताब भी लिखी- ‘चंपारण में सत्याग्रह’… हर युवा को यह किताब पढ़नी चाहिए। पीएम मोदी ने आगे कहा कि, अप्रैल के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम के और भी कई अमिट अध्याय जुड़े हुए हैं। 6 अप्रैल को ही महात्मा गांधी की ‘दांडी यात्रा’ का समापन हुआ था। 12 मार्च से शुरू होकर 24 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा ने अंग्रेजों को हिलाकर रख दिया था। जलियांवाला बाग हत्याकांड अप्रैल में ही हुआ था। इस रक्तरंजित इतिहास के निशान आज भी पंजाब की धरती पर मौजूद हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, कुछ ही दिनों में, 10 मई को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वर्षगांठ भी होगी। आजादी की उस पहली लड़ाई में जो चिंगारी उठी, वही आगे चलकर लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की मशाल बन गई। 26 अप्रैल को 1857 की क्रांति के महानायक बाबू वीर कुंवर सिंह की पुण्यतिथि है। बिहार के इस महान स्वतंत्रता सेनानी से पूरा देश प्रेरणा लेता है। हमें ऐसे लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की अमर प्रेरणाओं को जीवित रखना है। उनसे मिलने वाली ऊर्जा, अमृतकाल के हमारे संकल्प को नई ताकत देती है।
Mann Ki Baat 121 Episode: पीएम मोदी ने संबोधन के आखिरी में कहा कि, ‘मन की बात’ की इस लंबी यात्रा में, आप इस कार्यक्रम से एक आत्मीय रिश्ता बना चुके हैं। देशवासी जो उपलब्धियाँ दूसरों के साथ साझा करना चाहते हैं, उन्हें ‘मन की बात’ के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया जाता है। अगले महीने हम फिर मिलेंगे और देश की विविधता, गौरवशाली परंपराओं और नई उपलब्धियों के बारे में बात करेंगे। हम उन लोगों के बारे में जानेंगे जो अपने समर्पण और सेवा भावना से समाज में बदलाव ला रहे हैं। हमेशा की तरह, आप भी अपने विचार और सुझाव हमें भेजते रहिए।