Armed Forces Flag Day: सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर पीएम मोदी ने कही दिल को छू लेने वाली बात… जो हर जवान को देगी प्रेरणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर कहा कि हमारे सैनिक अटूट साहस, अनुशासन और दृढ़ संकल्प के साथ देश की रक्षा करते हैं। उनकी भावना और प्रतिबद्धता न केवल सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि देशवासियों के मन में गर्व और सुरक्षा की भावना भी जाग्रत करती है।

Armed Forces Flag Day: सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर पीएम मोदी ने कही दिल को छू लेने वाली बात… जो हर जवान को देगी प्रेरणा

(Armed Forces Flag Day/ Image Credit: @narendramodi X)

Modified Date: December 7, 2025 / 05:23 pm IST
Published Date: December 7, 2025 5:22 pm IST
HIGHLIGHTS
  • पीएम मोदी ने सैनिकों के साहस और अनुशासन को याद किया।
  • सैनिकों का संकल्प देश को मजबूत बनाता है।
  • झंडा दिवस के दौरान जल, थल और वायु सेना के प्रतीकात्मक झंडे वितरित किए जाते हैं।

नई दिल्ली: Armed Forces Flag Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर देश के वीर जवानों को याद किया। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक अपने अटूट साहस, अनुशासन और दृढ़ संकल्प के साथ देश की रक्षा करते हैं। उनकी प्रतिबद्धता और भावना न केवल सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि देशवासियों के मन में गर्व और सुरक्षा की भावना भी जगाती है।

सैनिकों का संकल्प देश को बनाता मजबूत

पीएम मोदी ने यह भी बताया कि सैनिकों का संकल्प और कर्तव्यपरायणता ही भारत को मजबूत बनाता है। उनका अनुशासन और समर्पण देश के प्रति एक प्रेरक उदाहरण है। उन्होंने सभी नागरिकों से सशस्त्र सेना झंडा दिवस फंड में योगदान करने का आह्वान भी किया।

सशस्त्र सेना झंडा दिवस क्यों मनाया जाता है?

यह दिन शहीद सैनिकों को याद करने और सशस्त्र बलों के लिए धन जुटाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन जल, थल और वायु सेना के प्रतीकात्मक छोटे झंडे वितरित किए जाते हैं, जिन्हें प्राप्त करके नागरिक दान देते हैं। यह दिन सैनिकों के प्रति सम्मान और अपनी भागीदारी का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

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सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास

सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास स्वतंत्रता के बाद से जुड़ा है। 28 अगस्त 1949 को रक्षामंत्री बलदेव सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। इसका उद्देश्य शहीद सैनिकों के परिवारों और शारीरिक रूप से अक्षम रक्षाकर्मियों के कल्याण के लिए धन जुटाना था। तब से यह दिन हर साल सैनिकों को सम्मान देने और उनकी सेवा के प्रति देशवासियों की प्रतिबद्धता दिखाने के लिए मनाया जाता है।

 

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लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।