तिरुवनंतपुरम, 16 अप्रैल (भाषा) केरल के तटीय गांव मुथलापोज़ी में बंदरगाह पर रेत जमने से मुहाने में अवरोध पैदा होने को लेकर मछुआरों और श्रमिक संघ का विरोध-प्रदर्शन बुधवार को भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने इस समस्या का त्वरित समाधान करने की मांग की।
यह प्रदर्शन कुछ दिन पहले शुरू हुआ था।
कांग्रेस से संबद्ध श्रमिक संघ (इंटक) के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को मुथलापोज़ी में एक विरोध मार्च निकाला और बंदरगाह इंजीनियरिंग विभाग के सहायक कार्यकारी अभियंता के कार्यालय का घेराव किया।
एक अन्य मछुआरा संगठन ने भी इसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने की घोषणा की।
प्रदर्शन कर रहे इंटक कार्यकर्ताओं ने बंदरगाह में जमी रेत हटाने को लेकर सरकार की कथित उदासीनता के खिलाफ नारेबाजी की और मांग की कि गाद निकालने की कार्रवाई को अधिक प्रभावी तरीके से किया जाए।
इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य के मत्स्य पालन मंत्री साजी चेरियन के सरकारी आवास के सामने सड़क पर धरना दिया और त्वरित कार्रवाई की मांग को लेकर नारे लगाए।
सीटू और इंटक सहित विभिन्न ट्रेड यूनियनों के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार सुबह मुथलापोज़ी में बंदरगाह के सहायक कार्यकारी अभियंता के कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया।
सूत्रों ने बताया कि मंत्री इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए विभिन्न पक्षों के साथ बुधवार को बाद में चर्चा करेंगे।
एक बुजुर्ग मछुआरे ने कहा कि रेत और गाद के जमाव ने उनकी जिंदगी को नरक कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘हमारा रोजीरोटी खत्म हो गयी है। यहां कई घरों में भुखमरी की स्थिति है। ज़्यादातर परिवारों में बुजुर्ग और बिस्तर पर पड़े लोग हैं। मछली पकड़ना ही हमारा जीवनयापन का एकमात्र जरिया है।’
उन्होंने आगे कहा कि वे लंबे समय से रेत हटाने के लिए प्रभावी उपायों की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।
प्रदर्शन ऐसी खबरों के बीच तेज हो गया है कि सरकार मुथलापोज़ी बंदरगाह को बंद करने और मछुआरों को अन्य बंदरगाहों में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है, क्योंकि वहां मुहाना रेत जमाव के कारण अवरुद्ध हो गया है।
भाषा
राखी नरेश
नरेश
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