पूर्व मुख्यमंत्री के आवास से लगे 8 करोड़ की इमारत पर चला सरकार का बुल्डोजर, बताया अवैध निर्माण

पूर्व मुख्यमंत्री के आवास से लगे 8 करोड़ की इमारत पर चला सरकार का बुल्डोजर, बताया अवैध निर्माण

  •  
  • Publish Date - June 26, 2019 / 11:11 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

अमरावती: प्रदेश की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने कई बड़े फैसले लिए हैं। इसी के तहत सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के अमरावती स्थित घर से सटी इमारत प्रजा वेदिका को तोड़ने का फैसला लिया था। सरकार के फैसले के अनुसार बुधवार सुबह 8 करोड़ की लागत से बने प्रजा वेदिका को तोड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि सरकार ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई का फैसला लिया है। इसी के तहत प्रजा वेदिका को ढहा दिया गया है।

<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a>: Demolition of &#39;Praja Vedike&#39; building underway in Amaravati. The building was constructed by the previous government led by N. Chandrababu Naidu. <a href=”https://twitter.com/hashtag/AndhraPradesh?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#AndhraPradesh</a> <a href=”https://t.co/qRCWjfVTJZ”>pic.twitter.com/qRCWjfVTJZ</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1143579032950312966?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 25, 2019</a></blockquote>
<script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

प्रजा वेदिका को ढहाने के संबंध में मुख्यमंत्री रेड्डी का कहना है कि यह इमारत गैर कानूनी है। सिंचाई विभाग से इस इमारत के लिए अनुमति नहीं ली गई थी, लेकिन फिर भी इसका निर्माण करवाया गया था। इस इमारत के लिए टेंडर भी नहीं करवाया गया था। इमारत के निर्माण के प्रारंभिक लगात 5 करोड़ आंकी गई थी, लेकिन पूरा होने तक इसकी लागत 8 करोड़ पहुंच गई थी।

Read More: ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के लिए सरकार ला रही नया कानून, देना होगा इतना फाइन कि हो जाएंगे कंगाल!

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस इमारत का निर्माण करवाया था। नायडू के बंगले से सटे इस इमारत में अधिकारियों के साथ बैठकें की जाती थीं। इस इमारत को 8 करोड़ की लागत से बनवाया गया था। यह हॉल काफी बड़ा था और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर से लैस था। अमरावती में कृष्णा नदी के किनारे बने नायडू के बंगले और इस इमारत का दरवाजा भी एक ही था।

Read More: निगम कर्मी से मारपीट, बीजेपी विधायक पर केस दर्ज, इन धाराओं के तहत दर्ज हुई एफआईआर

इमारत को तोड़ने के सरकार के फैसले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री नायडू का कहना है कि सरकार का यह फैसला बेवकूफी भरा है। हमने सरकार से निवेदन किया था कि हम इसे विपक्ष के नेता के तौर पर कर सकते हैं, लेकिन सरकार अपने फैसले पर अडिग है।