परिवार के सदस्यों, कांग्रेस नेताओं को भरोसा नहीं, इसलिए घबराए हुए हैं राहुल गांधी: भाजपा
परिवार के सदस्यों, कांग्रेस नेताओं को भरोसा नहीं, इसलिए घबराए हुए हैं राहुल गांधी: भाजपा
नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में दिए गए बयानों के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर मंगलवार को निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने विदेशी धरती पर भारत के खिलाफ बयानबाजी की और देश को बदनाम किया क्योंकि वह इस बात से परेशान हैं कि पार्टी के उनके साथी और यहां तक कि परिवार के सदस्यों को भी उनपर कोई विश्वास नहीं है।
भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जनता का विश्वास खो चुके हैं और यह जगजाहिर है कि उनके नेतृत्व में 95 प्रतिशत चुनावों में पार्टी को हार मिली है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी लंबे समय से आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्रदान करने वाले “संविधान को खत्म करने” के प्रयास कर रही है और विपक्ष भाजपा को सत्ता से हटाकर रहेगा।
गांधी ने पिछले सप्ताह बर्लिन में हर्टी स्कूल में अपने संबोधन में भाजपा पर देश के संस्थानों पर पूर्ण रूप से हमला करने और उनपर कब्जा करने का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी सत्ता को बरकरार रखने के लिए संस्थानों पर कब्जा करने पर तुली हुई है जबकि विपक्ष इसके खिलाफ संघर्ष कर रहा है।
कांग्रेस की ओर से सोमवार को जारी एक घंटे के वीडियो में गांधी ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा और जटिल लोकतंत्र एक वैश्विक संपत्ति है, और भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली पर हुआ ‘हमला’ वैश्विक लोकतांत्रिक प्रणाली पर भी हमला है।
गांधी के आरोपों के जवाब में शहजाद पूनावाला ने कहा, “जनता को राहुल गांधी पर भरोसा नहीं है। ‘इंडिया’ गठबंधन के उनके साथी दल, उनकी अपनी पार्टी के नेता और यहां तक कि उनके परिवार के सदस्य भी उनके खिलाफ लगातार अविश्वास व्यक्त कर रहे हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया, “इसी कारण उन्होंने एक बार फिर अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस के प्रति प्रतिबद्ध रहते हुए, भाजपा और भारत के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त करने के लिए विदेश यात्रा की। राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी और जनादेश के विरोध में बर्लिन में भारत के खिलाफ बात की।”
पूनावाला ने दावा किया कि गांधी घबराए हुए हैं क्योंकि उनकी ही पार्टी के साथी उनके कहे हुए को ‘अस्वीकार’ कर रहे हैं।
इसका ताजा उदाहरण शशि थरूर हैं, जिन्होंने बिहार में पिछले 20 वर्षों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा किए गए काम की सराहना करके गांधी के ‘वोट-चोरी’ वाले विमर्श को पूरी तरह खारिज कर दिया।
भाषा जोहेब नरेश
नरेश

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