राजस्थान सरकार ने सिविल सोसायटी संगठन के सदस्य को ग्राम विकास कार्यों के सोशल ऑडिट से हटाया

राजस्थान सरकार ने सिविल सोसायटी संगठन के सदस्य को ग्राम विकास कार्यों के सोशल ऑडिट से हटाया

  •  
  • Publish Date - August 8, 2022 / 09:39 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:47 PM IST

जयपुर, आठ अगस्त (भाषा) राजस्थान सरकार ने एक आदेश के तहत सिविल सोसाइटी संगठन के सदस्यों को ग्राम विकास कार्यों के सोशल ऑडिट से हटा दिया है। यह निर्णय ग्राम सरपंचों के संगठन की 36 मांगों में से एक के मद्देनजर लिया गया है, जिसके लिए उन्होंने हाल ही में जयपुर में विरोध प्रदर्शन किया था।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के आदेश के अनुसार सामाजिक अंकक्षेण के लिये अंकक्षेण दलों के गठन में ग्राम संसाधन व्यक्तियों के रूप में आवश्यक संशोधन करते हुए ‘‘सिविल सोसाइटी संगठन’’ के सदस्य शब्दो को विलोपित किया जाता है।

राजस्थान सरपंच संघ के अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि नागरिक समाज के सदस्यों को कार्यों की समझ नहीं है और वे सरपंच को भ्रष्टाचार में लिप्त बताते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सामाजिक अंकेक्षण में से सिविल सोसाइटी के सदस्यों को हटाने की यह हमारी मांगों में से एक थी। उन्हें ग्राम विकास के रिकॉर्ड की समझ नहीं है। वे प्रशिक्षित नहीं हैं। वे सरपंच को भ्रष्टाचारी बताने के एक एजेंडा के साथ काम करते हैं। वे सरपंच और सचिव को लक्षित करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि सामाजिक अंकेक्षण करने के लिए नागरिक समाज के सदस्यों के अलावा अन्य विकल्प हैं।

इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में सरपंच संघ के आंदोलन के दबाव में नागरिक समाज के सदस्यों को सामाजिक अंकक्षेण कार्य से हटाने के राज्य सरकार के फैसले की निंदा की।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण विकास कार्यों का सोशल ऑडिट नियमानुसार नहीं किया जा रहा है, जिससे कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने कहा कि राज्य सरकार ने लंबे समय से सोशल ऑडिट के लिए एक स्वतंत्र निदेशालय नहीं बनाया है और जब इस दिशा में कुछ कदम उठाए गए और सीएजी के नियमों के अनुसार ऑडिट प्रक्रिया शुरू हुई, जिसके बाद गांव के सरपंचों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।

पीयूसीएल की राजस्थान इकाई की प्रमुख कविता श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी मांग है कि सीएजी के नियमों के अनुसार सोशल ऑडिट कराया जाए।

भाषा कुंज

रंजन

रंजन