एटा जिले में वकील के साथ कथित अत्याचार पर सीजेएम से रिपोर्ट तलब

एटा जिले में वकील के साथ कथित अत्याचार पर सीजेएम से रिपोर्ट तलब

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  • Publish Date - December 29, 2020 / 09:29 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:20 PM IST

प्रयागराज, 29 दिसंबर (भाषा) उत्तरप्रदेश के एटा जिले में एक वकील के साथ पुलिस द्वारा कथित रूप से अत्याचार किए जाने और वकील के परिजनों से दुर्व्यवहार करने के मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से इस घटना की रिपोर्ट आठ जनवरी, 2021 तक पेश करने को कहा।

मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश विधिज्ञ परिषद (यूपी बार काउंसिल) द्वारा भेजे गए एक पत्र पर यह आदेश पारित किया।

शीतकालीन अवकाश के दौरान इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, ‘विधिज्ञ परिषद के पत्र में उल्लिखित तथ्यों पर विचार करने के बाद हमें एटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से इस घटना की एक संपूर्ण रिपोर्ट तलब करना उचित प्रतीत होता है। सीजेएम को सभी संबंधित दस्तावेजों के आधार पर आवश्यक जांच कर इसकी रिपोर्ट अगली सुनवाई की तिथि पर या उससे पूर्व इस अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया जाता है।’

पीठ ने अपने आदेश में इस बात का उल्लेख किया है कि उत्तरप्रदेश विधिज्ञ परिषद ने इस अदालत के मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक पत्र में 21 दिसंबर, 2020 को एटा में घटित घटना के संबंध में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

पत्र के मुताबिक, ‘एटा में वकालत कर रहे अधिवक्ता राजेंद्र शर्मा के साथ पुलिस ने मारपीट की और अधिवक्ता के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार किया। मुख्य न्यायाधीश के सचिवालय को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से भी इसी मुद्दे पर एक पत्र प्राप्त हुआ है। कुछ अन्य अधिवक्ताओं ने भी ई-मेल से इस मामले पर नाराजगी जाहिर की है।’

अदालत ने एटा के जिला प्रशासन को भी निर्देश दिया कि एटा के जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सीजेएम का सहयोग करेंगे और आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराएंगे जिससे सीजेएम इस घटना की रिपोर्ट इस अदालत को पेश कर सकें।

भाषा राजेंद्र नीरज

नीरज