कोविड-19 रोगियों के लिए आईसीयू बिस्तर आरक्षण पर 18 जनवरी तक समीक्षा बैठक करेंः न्यायालय

कोविड-19 रोगियों के लिए आईसीयू बिस्तर आरक्षण पर 18 जनवरी तक समीक्षा बैठक करेंः न्यायालय

कोविड-19 रोगियों के लिए आईसीयू बिस्तर आरक्षण पर 18 जनवरी तक समीक्षा बैठक करेंः न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 pm IST
Published Date: January 12, 2021 1:23 pm IST

नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली सरकार से कहा कि कोविड-19 मरीजों के लिए यहां के 33 निजी अस्पतालों में आईसीयू बिस्तरों के आरक्षण पर समीक्षा बैठक 18 जनवरी तक करें।

अदालत को सूचित किया गया कि दिल्ली सरकार ने कोविड-19 आईसीयू बिस्तरों का आरक्षण घटाकर 40 फीसदी तक कर दिया है। इसने कहा कि वह एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एएचपी) की याचिका पर सुनवाई अगले हफ्ते भी जारी रखेगी, जिसने सरकार के 12 सितंबर के आदेश को रद्द करने की मांग की है। सरकार ने आदेश में इन अस्पतालों में 80 फीसदी बिस्तर कोविड-19 रोगियों के लिए आरक्षित कर दिए थे।

न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कई घंटे तक सुनवाई करने के बाद मामले में सुनवाई की अगली तारीख 19 जनवरी तय की।

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न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप (दिल्ली सरकार) 18 जनवरी तक समीक्षा बैठक करें और हम इस पर 19 जनवरी को सुनवाई करेंगे।’’

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सोलीसीटर जनरल संजय जैन ने कहा कि एक भी गैर कोविड-19 रोगी ने अदालत में आकर यह नहीं बताया है कि 80 फीसदी आरक्षण के कारण अस्पताल में उसे चिकित्सा देने से इंकार किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे घटाकर 40 फीसदी तक ले आए हैं। 12 सितंबर 2020 का निर्णय (33 निजी अस्पतालों में 80 फीसदी बिस्तर कोविड-19 रोगियों के लिए आरक्षित करना) तर्कसंगत निर्णय था और इस बारे में सूचित किया गया था। यह स्वैच्छिक निर्णय नहीं था और इससे अस्पतालों को वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है।’’

एएचपी का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता महेंद्र सिंह द्वारा बहस के दौरान इस बात के उल्लेख पर कि आईसीयू में बिस्तर खाली रखे गए और वित्तीय नुकसान का सामना कर रहे अस्पतालों को सरकार की ओर से कोई भुगतान नहीं किया गया, के जवाब में उन्होंने यह बात कही।

भाषा नीरज नीरज पवनेश

पवनेश


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