आरजी कर मामला : कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी

आरजी कर मामला : कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी

आरजी कर मामला : कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी
Modified Date: October 7, 2024 / 11:01 am IST
Published Date: October 7, 2024 11:01 am IST

कोलकाता, सात अक्टूबर (भाषा) कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म और हत्या के मामले में महिला चिकित्सक के लिए न्याय और कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलनरत कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन सोमवार को लगातार तीसरे दिन जारी है।

छह कनिष्ठ चिकित्सक शनिवार शाम से ही आमरण अनशन कर रहे हैं और बाद में एक और चिकित्सक उनके साथ शामिल हो गया।

एक कनिष्ठ चिकित्सक अनिकेत महतो ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमारा आमरण अनशन जारी है। हमें राज्य सरकार से कोई संदेश नहीं मिला है। हम अपनी सभी मांगें पूरी होने तक इसे जारी रखेंगे। कोई भी बाहरी दबाव हमें अपनी मृतक बहन के लिए न्याय मांगने के वास्ते प्रदर्शन करने की हमारी राह से नहीं हटा सकता…अभी नहीं तो कभी नहीं।’’

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अनशन पर बैठने वाले छह चिकित्सकों में कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्निग्धा हाजरा, तान्या पांजा और अनुष्टुप मुखोपाध्याय, एसएसकेएम अस्पताल के अर्नब मुखोपाध्याय, एन.आर.एस. मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य और के.पी.सी मेडिकल कॉलेज की सायंतनी घोष हाजरा शामिल हैं।

कनिष्ठ चिकित्सकों ने कोलकाता पुलिस पर सहयोग न करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें शहर के धर्मतला इलाके में डोरिना क्रॉसिंग पर प्रदर्शन स्थल पर जैव-शौचालय स्थापित करने नहीं दिया गया।

पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कनिष्ठ चिकित्सकों ने उस स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं जहां उनके सहकर्मी आंदोलन कर रहे हैं।

बड़ी संख्या में लोग और कुछ जानी-मानी हस्तियां प्रदर्शनरत चिकित्सकों के प्रति एकजुटता जताने के लिए प्रदर्शन स्थल पर एकत्रित हुए।

कनिष्ठ चिकित्सकों ने शुक्रवार को पूरी तरह काम रोक दिया था जिससे राज्य सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं चरमरा गयी थीं।

प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने इस बात पर जोर दिया कि मृतक महिला चिकित्सक के लिए न्याय सुनिश्चित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उन्होंने स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तुरंत हटाने के साथ ही कथित प्रशासनिक अक्षमता के लिए जवाबदेही ठहराने और विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।

उनकी अन्य मांगों में राज्य में सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली लाना, अस्पतालों में एक डिजिटल बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली स्थापित करना और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल कक्ष तथा शौचालयों के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के वास्ते कार्य बल का गठन भी शामिल है।

वे अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती और चिकित्सक, नर्स तथा अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए रिक्त पदों को तुरंत भरने की भी मांग कर रहे हैं।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को साथी चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के बाद कनिष्ठ चिकित्सक हड़ताल पर हैं।

कनिष्ठ चिकित्सक 42 दिन के विरोध प्रदर्शन के बाद 21 सितंबर को सरकारी अस्पतालों में आंशिक रूप से अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। सरकार ने उनकी ज्यादातर मांगों को पूरा किए जाने का वादा किया था।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा


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