दिल्ली प्रदूषण में वाहनों की भूमिका, सीएक्यूएम ने न्यायालय से आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया

दिल्ली प्रदूषण में वाहनों की भूमिका, सीएक्यूएम ने न्यायालय से आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया

दिल्ली प्रदूषण में वाहनों की भूमिका, सीएक्यूएम ने न्यायालय से आदेश की समीक्षा का अनुरोध किया
Modified Date: December 11, 2025 / 01:13 am IST
Published Date: December 11, 2025 1:13 am IST

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) दिल्ली-एनसीआर में आमतौर पर खराब वायु गुणवत्ता में वाहनों के प्रदूषण को एक प्रमुख कारक मानते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से उसके 12 अगस्त के आदेश की समीक्षा करने का आग्रह किया।

उक्त आदेश में राष्ट्रीय राजधानी में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम न उठाने का निर्देश दिया गया था।

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों की याचिका में दाखिल 300 से अधिक पृष्ठों के हलफनामे में, सीएक्यूएम ने कहा, “वाहनों से होने वाला प्रदूषण दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में आमतौर पर खराब वायु गुणवत्ता के लिए सबसे महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कारकों में से एक है। इस प्रकार, वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करना आयोग की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक रहा है, जिसे उसने एनसीआर की राज्य सरकारों और दिल्ली सरकार के साथ अपनी विचार-विमर्श में केंद्रित किया है।”

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आगे का रास्ता सुझाते हुए, सीएक्यूएम ने कहा, “वाहन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए बीएस-थ्री और उससे कम मानक वाले वाहनों को न्यायालय के 12 अगस्त, 2025 के आदेश की परिधि से बाहर रखा जाना चाहिए, क्योंकि इन वाहनों की उत्सर्जन क्षमता की तुलना बीएस-चार उत्सर्जन मानकों से की जाए तो यह अधिक प्रदूषणकारी हैं।”

भाषा

प्रशांत शोभना

शोभना


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