न्यायालय मेडिकल पाठ्यक्रम में काउंसलिंग के शेष दौर के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत

न्यायालय मेडिकल पाठ्यक्रम में काउंसलिंग के शेष दौर के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत

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  • Publish Date - September 30, 2022 / 06:54 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को उस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया जिसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), केंद्र और अन्य को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि आईएनआई-सीईटी काउंसलिंग के शेष दौर का शीघ्र आयोजन किया जाए।

राष्ट्रीय महत्व के संस्थान संयुक्त प्रवेश परीक्षा (आईएनआई-सीईटी) कुछ एम्स और अन्य मेडिकल संस्थानों के स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों में प्रवेश से संबंधित है।

याचिका में कहा गया है कि आईएनआई-सीईटी का संचालन एम्स, नयी दिल्ली द्वारा किया जाता है और इस साल 19 सितंबर को एम्स द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया था कि आईएनआई-सीईटी जुलाई 2022 सत्र के लिए ‘ओपन राउंड’ को रद्द कर दिया गया है।

यह याचिका न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति ए. एस. ओका की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई। पीठ ने नोटिस जारी कर केंद्र, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, एम्स, नयी दिल्ली और अन्य से जवाब देने को कहा।

मामले में अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।

पांच याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन और वकील तन्वी दुबे पेश हुए। पांच याचिकाकर्ताओं में से तीन ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और मौजूदा सत्र के लिए आईएनआई-सीईटी में रैंक हासिल किया है।

शंकरनारायणन ने पीठ से कहा कि इन संस्थानों में 900 से अधिक सीट हैं जिनमें से 747 रिक्त हैं।

याचिका में कहा गया है कि पहले दौर की काउंसलिंग पांच अगस्त से 20 अगस्त के बीच जबकि दूसरे दौर की काउंसलिंग 27 अगस्त से 31 अगस्त के बीच निर्धारित की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि एम्स द्वारा जारी नोटिस मनमाना और भेदभावपूर्ण है क्योंकि ‘ओपन और ऑन द स्पॉट’ प्रवेश को रद्द करने की संभावना के बारे में उम्मीदवारों को कोई सूचना नहीं दी गई थी।

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा