रहमान और ‘पोन्नियिन सेलवन 2’ के निर्माताओं को कॉपीराइट मामले में दो करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश |

रहमान और ‘पोन्नियिन सेलवन 2’ के निर्माताओं को कॉपीराइट मामले में दो करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश

रहमान और ‘पोन्नियिन सेलवन 2’ के निर्माताओं को कॉपीराइट मामले में दो करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश

Edited By :  
Modified Date: April 26, 2025 / 05:06 PM IST
,
Published Date: April 26, 2025 5:06 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने जूनियर डागर बंधुओं के शास्त्रीय गीत ‘शिव स्तुति’ से संबंधित ‘कॉपीराइट’ मुकदमे के बाद प्रख्यात संगीतकार ए आर रहमान और फिल्म ‘पोन्नियिन सेलवन 2’ के निर्माताओं को अदालत में दो करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने 25 अप्रैल को पारित अंतरिम आदेश में कहा कि श्रोता के दृष्टिकोण से देखा जाए तो फिल्म में रहमान का गीत ‘वीरा राजा वीरा’ के मूल स्वर, भावना और श्रवण प्रभाव ‘शिव स्तुति’ से ‘न केवल प्रेरित है, बल्कि वास्तव में समान है।’

न्यायाधीश ने कहा कि यह भगवान शिव को समर्पित गीत के मूल रचनाकारों के अधिकारों का उल्लंघन है।

अदालत ने सभी ओटीटी और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर फिल्म में एक ‘स्लाइड’ डालने का निर्देश दिया ताकि जूनियर डागर बंधुओं दिवंगत उस्ताद एन. फैयाजुद्दीन डागर और दिवंगत उस्ताद जहीरुद्दीन डागर को रचना के लिए उचित श्रेय दिया जा सके। अदालत ने साथ ही दिवंगत कलाकारों के परिवार के सदस्य को हर्जाने के रूप में दो लाख रुपये देने का भी आदेश दिया।

फैयाजुद्दीन डागर के पुत्र और जहीरुद्दीन डागर के भतीजे उस्ताद फैयाज वसीफुद्दीन डागर ने मुकदमे में तर्क दिया कि ‘शिव स्तुति’ समेत जूनियर डागर ब्रदर्स की सभी मूल रचनाओं का कॉपीराइट उनके पास है और प्रतिवादियों ने अवैध रूप से कॉपीराइट का उल्लंघन किया है।

अदालत ने कहा, ‘अतः अंतिम विश्लेषण में, यह अदालत मानती है कि विवादित गीत मूल रचना शिव स्तुति पर आधारित या उससे प्रेरित है। अन्य तत्वों को जोड़ने से विवादित गीत आधुनिक रचना की तरह लग सकता है, लेकिन मूल अंतर्निहित संगीत रचना समान है।’

अदालत ने कहा, ‘अतः प्रतिवादी की रचना शिव स्तुति में वादी के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।’

उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि प्रतिवादी रहमान, मद्रास टॉकीज और लाइका प्रोडक्शंस को अदालत में दो करोड़ रुपये जमा कराने होंगे और मुकदमे पर अंतिम निर्णय होने तक इसे सावधि जमा के रूप में रखा जाएगा।

भाषा जोहेब रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)