न्यायालय ने खुद ही मूल ढांचे के सिद्धांत की अखंडनीयता को खत्म कर दिया था: धनखड़

न्यायालय ने खुद ही मूल ढांचे के सिद्धांत की अखंडनीयता को खत्म कर दिया था: धनखड़

न्यायालय ने खुद ही मूल ढांचे के सिद्धांत की अखंडनीयता को खत्म कर दिया था: धनखड़
Modified Date: April 18, 2025 / 12:29 am IST
Published Date: April 18, 2025 12:29 am IST

नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि मूल ढांचे का सिद्धांत देने वाले उच्चतम न्यायालय ने देश में आपातकाल के दौरान खुद ही इसकी अखंडनीयता को खत्म कर दिया था।

धनखड़ ने यहां राज्यसभा प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मूल ढांचे के सिद्धांत पर एक कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रोहिंटन नरीमन द्वारा हाल में की गई टिप्पणियों का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आपातकाल के दौरान उच्चतम न्यायालय ने इसकी अखंडनीयता के ‘‘टुकड़े-टुकड़े’’ कर दिए थे।

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हालांकि, उन्होंने न्यायमूर्ति नरीमन (सेवानिवृत्त) का नाम नहीं लिया था।

धनखड़ ने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत ने मूल ढांचे की अखंडनीयता के इस कदर ‘‘टुकड़े-टुकड़े’’ कर दिए थे कि इसने नौ उच्च न्यायालयों के फैसलों को पलट दिया था।

भाषा प्रीति वैभव

वैभव


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