कैट की पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष की याचिका पर विचार से न्यायालय का इनकार

कैट की पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष की याचिका पर विचार से न्यायालय का इनकार

कैट की पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष की याचिका पर विचार से न्यायालय का इनकार
Modified Date: January 5, 2023 / 08:35 pm IST
Published Date: January 5, 2023 8:35 pm IST

नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष मंजुला दास की उस याचिका पर विचार करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि अधिकरण में उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति में नियमों का पालन नहीं किया गया।

अगस्त 2021 में कैट की कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त की गयीं दास का कार्यकाल 29 सितंबर, 2022 तक था।

हालांकि, मेघालय उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति रंजीत वसंतराव मोरे को 30 जुलाई, 2022 से कैट की प्रमुख पीठ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह 30 जुलाई, 2026 तक पद पर बने रहेंगे।

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दास की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी. ए. सुंदरम ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ से आग्रह किया कि कैट अध्यक्ष की नियुक्ति करते समय ‘‘कुछ भी ध्यान में नहीं रखा गया है’’ और नियुक्ति को नियंत्रित करने वाले वैधानिक नियमों का पालन नहीं किया गया है।

पीठ ने याचिका पर विचार के लिए अपनी अनिच्छा व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘ऐसे मामलों में न्यायिक आदेश जारी नहीं किया जा सकता है।’’

वरिष्ठ वकील ने तब याचिका वापस लेने का फैसला किया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि दास को गलत तरीके से नजरअंदाज किया गया था।

कैट में नियुक्त होने से पहले, दास एक जानी-मानी वकील थीं।

भाषा सुरेश वैभव

वैभव


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