न्यायालय ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा
न्यायालय ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा
नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस से पूर्व पार्षद और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की याचिका पर जवाब देने को कहा, जिन्होंने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत मांगी है।
न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने दिल्ली पुलिस के वकील से कहा कि वे तैयारी करके आएं और अगली सुनवाई पर मामले में बहस करें।
पीठ ने कहा, “मान लीजिए, हम इस बात से सहमत हैं कि उसे नियमित जमानत मिल सकती है, तो फिर हम कम से कम अंतरिम जमानत क्यों न दे दें?”
इसमें आगे कहा गया, “यदि हम इस स्तर पर संतुष्ट हैं कि कुछ मामला बनता है, तो अंतरिम जमानत क्यों नहीं? वह 4 साल 10 महीने से जेल में है। वह केवल भड़काने वाला है और भड़काने का यही आरोप उन नौ मामलों में है, जिनमें उसे जमानत दी गई है। आप इस पर अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते।”
मामले में अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी।
हुसैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि पूर्व पार्षद 4 साल 10 महीने से हिरासत में हैं और 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान भीड़ को उकसाना उनके खिलाफ एकमात्र आरोप है।
शीर्ष अदालत को बताया गया कि हुसैन पर 11 मामलों में प्राथमिकी दर्ज है और उन्हें नौ मामलों में जमानत दी गई है।
उन्हें इस मामले में 16 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।
अदालत को यह भी बताया गया कि हुसैन की हिरासत के तीन साल बाद आरोप तय किए गए और अभियोजन पक्ष ने 115 गवाह पेश किए, जिनमें से केवल 22 की ही जांच की गई।
उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपियों को पहले ही नियमित जमानत मिल चुकी है।
आरोपपत्र का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत ने उनकी उपस्थिति पर गौर किया और कहा, “आपकी संलिप्तता स्पष्ट है।”
पीठ ने कहा, “हमें इस पर विचार करना होगा, अंतरिम जमानत का समय समाप्त हो रहा है।”
शीर्ष अदालत ने मामले में हाल में सुनवाई करते हुए टिप्पणी की थी कि ऐसे सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जानी चाहिये।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को हुसैन को एआईएमआईएम के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हिरासत पैरोल प्रदान की थी।
उच्च न्यायालय ने हालांकि चुनाव लड़ने के लिये 14 जनवरी से नौ फरवरी तक के अंतरिम जमानत के हुसैन के अनुरोध को खारिज कर दिया था।
भाषा
प्रशांत दिलीप
दिलीप
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