नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेता आलोक कुमार के खिलाफ 2019 में एक रैली में कथित रूप से नफरत फैलाने वाला भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।
न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने 18 फरवरी, 2020 के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली कुमार की याचिका को स्वीकार कर लिया।
निचली अदालत का आदेश सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की शिकायत पर आया था जिन्होंने आरोप लगाया था कि कुमार ने रैली में नफरत फैलाने वाला भाषण दिया था।
भाषा वैभव माधव
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