चिकित्सा उपकरणों को दवाओं के रूप में अधिसूचित किए जाने के खिलाफ याचिका, हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

चिकित्सा उपकरणों को दवाओं के रूप में अधिसूचित किए जाने के खिलाफ याचिका, हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

चिकित्सा उपकरणों को दवाओं के रूप में अधिसूचित किए जाने के खिलाफ याचिका, हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
Modified Date: November 29, 2022 / 08:28 pm IST
Published Date: December 16, 2020 10:52 am IST

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) । दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केन्द्र सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें सभी चिकित्सा उपकरणों को दवाओं के रूप में अधिसूचित किये जाने संबंधी फैसले को चुनौती दी गई है।

याचिका में सरकार के उस निर्णय को चुनौती दी गई है जिसमें मनुष्यों या पशुओं पर इस्तेमाल किए जाने वाले चिकित्सा उपकरणों, जैसे रक्तचाप मापने की मशीन, डिजिटल थर्मामीटर आदि को दवाओं की श्रेणी के रूप में अधिसूचित किया गया था।

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मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की एक पीठ ने ‘द सर्जिकल मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन’ (एसएमटीए) की ओर से दायर याचिका पर स्वास्थ्य मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

याचिका में दावा किया गया है कि सरकार ने निर्णय लेते समय एसएमटीए या अन्य हितधारकों से विचार विमर्श नहीं किया।

सरकार की ओर से एक अधिसूचना जारी कर रक्तचाप मापने की मशीन, डिजिटल थर्मामीटर, नेबुलाइजर और ग्लूकोमीटर को औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत ‘दवाओं’ की श्रेणी में रखा था। इस अधिसूचना को चुनौती देते हुए पिछले साल एसएमटीए ने एक याचिका दायर की थी।

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पीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी, 2021 को होगी।

 


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