धार्मिक त्योहारों के दौरान सड़कों, फुटपाथों के अवरोध को रोकने संबंधी नियमों का पालन करें दुकानें : अदालत

धार्मिक त्योहारों के दौरान सड़कों, फुटपाथों के अवरोध को रोकने संबंधी नियमों का पालन करें दुकानें : अदालत

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  • Publish Date - November 23, 2021 / 01:09 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

कोच्चि, 23 नवंबर (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने धार्मिक और राजनीतिक संगठनों को त्योहारों या प्रदर्शनों के दौरान पैदल चलने वालों और यातायात की आवाजाही में बाधा डालने को प्रतिबंधित करने संबंधी नियमों का ‘ईमानदारी से पालन’ करने का निर्देश दिया है।

सड़क किनारे स्टॉल, खिलौनों से लेकर मिठाई तक की बिक्री और यहां तक कि नकली आभूषण भी मंदिरों या गिरजाघरों के बाहर धार्मिक त्योहारों के आकर्षणों में से एक हैं, लेकिन इन्हें फुटपाथ या सड़कों पर अपने सामान का प्रदर्शन करके पैदल चलने वालों और यातायात को बाधित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि दरअसल सार्वजनिक सड़कों और फुटपाथों को अवरुद्ध नहीं करने से संबंधित नियमों का पालन हर किसी को करना चाहिए, भले ही वह त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड हो या मस्जिदों, गिरजाघरों या किसी भी धार्मिक संगठन से जु़ड़े लोग या किसी कार्यक्रम का आयोजन कर रहे राजनीतिक संगठन या विरोध प्रदर्शन कर रहे व्यक्ति हों।

अदालत ने कहा, “ऐसे आयोजनों के दौरान सड़क पर अतिक्रमण की अनुमति नहीं दी जा सकती है, खासकर जब सार्वजनिक सड़कों के किनारे व्यापार किया जा रहा हो।”

अदालत ने यह भी कहा, “इसकी कहीं भी इजाजत नहीं दी सकती, चाहे कोई गिरजाघर हो या मंदिर ,मस्जिद या राजनीतिक संगठनन द्वारा आयोजित कोई कार्यक्रम हो।”

अदालत थुरवूर महाक्षेत्रम के वार्षिक उत्सव के संबंध में चावडी-थुरवुर चौराहे पर सड़क किनारों पर दुकानें लगाने के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

इस क्षेत्र के निवासी ने यह याचिका दायर की थी। याचिका में दलील दी गयी थी कि चूंकि लोक सेवा विभाग इस सड़क का रख रखाव करता है, इसलिए उसकी अनुमति के बगैर ऐसी दुकानें नहीं लगाई जा सकती हैं।

इसके विपरीत, त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड ने अदालत से कहा कि जिस सड़क पर दुकानें लगायी गई हैं वह देवास्वओम की संपत्ति से होकर गुजरती है।

हालांकि, अदालत ने कहा कि सड़क को वैसे ही रहना होगा और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड सड़क या फुटपाथ की जगह की नीलामी नहीं कर सकता है। अदालत ने यह भी कहा कि कोई भी दुकानदार अपने स्टाल से बाहर अपने सामानों को नहीं रख सकता है।

भाषा

नेहा अनूप

अनूप