सिद्धरमैया ने भाजपा को ‘आरक्षण विरोधी’ बताया |

सिद्धरमैया ने भाजपा को ‘आरक्षण विरोधी’ बताया

सिद्धरमैया ने भाजपा को ‘आरक्षण विरोधी’ बताया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : November 1, 2022/8:22 pm IST

बेंगलुरु, एक नवंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने मंगलवार को भाजपा पर ‘आरक्षण विरोधी’ होने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में एससी/एसटी आरक्षण बढ़ाने के सरकारी फैसले को कानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं है।

राज्य सरकार ने हाल में अधिसूचना जारी करके कर्नाटक में एससी (अनुसूचित जाति) के लिए आरक्षण को 15 से बढ़ाकर 17 फीसदी और एसटी (अनुसूचित जनजाति) के लिए आरक्षण को 3 से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है।

सिद्धरमैया ने यहां पत्रकारों से बातचीत में सवाल किया, ‘‘क्या इसे कानूनी और संवैधानिक सुरक्षा प्राप्त है? क्या उन्होंने इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया है? मैं मांग करता हूं कि वे केन्द्र सरकार पर इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने का दबाव बनाएं।’’

यह रेखांकित करते हुए कि न्यायमूर्ति एच. एन. नागमोहन दास आयोग ने जुलाई 2020 में सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में आरक्षण बढ़ाने की सिफारिश की थी सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘विधानसभा के हर सत्र में हमारे विधायक (कांग्रेस) प्रदर्शन करते हैं। क्या भाजपा के एक भी एससी/एसटी विधायक ने प्रदर्शन किया? उन्होंने बस मामले को बेकार में लंबा खींचा।’’

कलबुर्गी में 30 अक्टूबर को ओबीसी रैली करने वाली भाजपा पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्तरूढ़ पार्टी अपने पांच लाख लोगों के दावों के विपरीत महज 40-50 हजार लोग ही जुटा सकी।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि उच्च शिक्षा में जब ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को आरक्षण मिला था तो भाजपा नेताओं दिवंगत अनंतकुमार, बी. एस.येदियुरप्पा और के. एस. ईश्वरप्पा ने उसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने स्थानीय निकायों में ओबीसी और महिलाओं के आरक्षण देने वाले 73वें और 74वें संशोधन का भी विरोध किया था।

भाषा अर्पणा माधव

माधव

 

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