गौरी लंकेश के संदिग्ध हत्यारों के स्केच जारी, खाली हाथ SIT ने जनता से मांगी मदद

गौरी लंकेश के संदिग्ध हत्यारों के स्केच जारी, खाली हाथ SIT ने जनता से मांगी मदद

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  • Publish Date - October 14, 2017 / 10:49 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

 

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर को हुई थी, लेकिन इस मामले की जांच कर रही SIT आज भी खाली हाथ है। पुलिस की एसआईटी ने आज तीन संदिग्धों के स्केच जारी करते हुए जनता से मदद की अपील की है। पुलिस एसआईटी प्रमुख बी के सिंह ने स्केच जारी करने के दौरान बताया कि हमें जनता से सहयोग की उम्मीद है, इसीलिए संदिग्धों के स्केच जारी किए जा रहे हैं, इस हत्या की जांच के सिलसिले में सामने आई जानकारियों के आधार पर ये स्केच बनाए गए हैं। 

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SIT प्रमुख बी के सिंह ने कहा कि गौरी लंकेश हत्या के सिलसिले में करीब 250 लोगों से पूछताछ की गई है। प्रत्यक्षदर्शियों ने हत्यारों का जो हुलिया बताया था, उसके आधार पर स्केच बनाए गए हैं और दो संदिग्धों के स्केच में काफी कुछ मिलता-जुलता है। उन्होंने माना कि स्केच देखने से या चश्मदीदों से मिली जानकारी के आधार पर ये तय नहीं किया जा सकता कि संदिग्ध किस धर्म के हो सकते हैं।

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उन्होंने साफ किया कि SIT की जांच में किसी भी संगठन या गुट का नाम अभी तक नहीं सामने आ पाया है, न ही जांच टीम ने किसी संगठन पर कोई शक जाहिर किया है। बीके सिंह ने कहा कि हमारे पास वारदात का वीडियो भी है, जिसको भी जारी कर दिया गया है। पुलिस के हाथ लगे सीसीटीवी फुटेज में बाइक सवार हमलावर हेलमेट पहने नजर आए थे. पुलिस के मुताबिक हमलावर पूरी बांह की शर्ट और पैंट पहने हुए थे.

अब तक पुलिस 600 से ज्यादा डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग का विश्लेषण कर चुकी है. जांच में यह बात भी सामने आया कि हत्या करने से पहले हमलावरों ने गौरी लंकेश के घर के तीन चक्कर लगाए थे यानी रेकी की थी। मुख्य आरोपी की उम्र करीब 35 साल बताई जा रही है. हालांकि पुलिस ने इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि गौरी लंकेश की हत्या में उसी तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया, जिस तरह का एमएम कलबुर्गी की हत्या करने के लिए किया गया था.

बैंगलुरू में 5 सितंबर को अज्ञात हमलावरों ने गौरी लंकेश की हत्या राज राजेश्वरी इलाके में स्थित घर में कर दी थी. पुलिस को गौरी लंकेश का खून में डूबा शव मिला और मौका-ए-वारदात यानी घटनास्थल से कारतूस के चार खोखे मिले थे। इस हत्या के बाद सोशल मीडिया पर लगातार प्रतिक्रियाएं आती रहीं, जिनमें दक्षिणपंथी और वामपंथी विचारधाराओं के समर्थकों में तीखी बहस छिड़ी रही।

गौरी लंकेश वीकली मैगजीन ‘लंकेश पत्रिके’ की संपादक, अखबारों की कॉलमनिस्ट, टीवी न्यूज चैनल डिबेट्स में भाग लेती रही थीं, साथ ही सोशल मीडिया पर भी एक्टिव थीं। गौरी लंकेश हत्याकांड को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी जमकर हुए। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार और केंद्र में बीजेपी सरकार होने के कारण दोनों दलों के नेताओं और समर्थकों ने एक-दूसरे पर निशाना साधे।

 

वेब डेस्क, IBC24