सोनोवाल और हिमंत का पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर असम की उपेक्षा का आरोप

सोनोवाल और हिमंत का पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर असम की उपेक्षा का आरोप

सोनोवाल और हिमंत का पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर असम की उपेक्षा का आरोप
Modified Date: December 21, 2025 / 08:58 pm IST
Published Date: December 21, 2025 8:58 pm IST

नामरूप (असम), 21 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को आरोप लगाया कि असम के विकास के कई अवसर मिलने के बावजूद, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्वोत्तर राज्य से संसद के लिए निर्वाचित होने के बाद भी दशकों तक इसकी उपेक्षा की।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में यहां एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

मोदी ने रविवार को 10,601 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एक ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया संयंत्र की आधारशिला रखी, जिसकी वार्षिक क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन होगी। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह क्षेत्र में औद्योगिक प्रगति का एक नया अध्याय शुरू करेगा।

 ⁠

सोनोवाल ने कहा, ‘‘यह क्षण मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत मायने रखता है। 2009 में, मैंने लोकसभा में नामरूप स्थित मौजूदा उर्वरक संयंत्र के संकट का मुद्दा उठाया था। मैंने पुरानी मशीनरी, अनियमित उत्पादन और पूर्वोत्तर के किसानों और चाय बागान मालिकों को समर्थन देने के लिए एक और उर्वरक संयंत्र की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला था।’’

सोनोवाल ने दावा किया, ‘‘कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने हस्तक्षेप के लिए मेरे बार-बार किए गए अनुरोधों पर ध्यान नहीं दिया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस संयंत्र का वादा किया था, लेकिन उन्होंने इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया।’’

असम के पूर्व मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा, “कांग्रेस ने असम के लोगों और उसके किसानों के साथ विश्वासघात किया है। इसलिए आपको उन्हें करारा जवाब देना होगा।”

असम विधानसभा के चुनाव अगले वर्ष मार्च–अप्रैल में होने की संभावना है।

सोनोवाल ने कहा, “दशकों तक असम में अपार संभावनाएं थीं, लेकिन सीमित कनेक्टिविटी और अपर्याप्त औद्योगिक पैमाने के कारण हम पीछे रह गए। प्रधानमंत्री मोदी के निर्णायक और दूरदर्शी नेतृत्व में वह स्थिति बदल गई है। आज राज्य भारत के बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, साजो-सामान और विनिर्माण परिवेशी तंत्र का एक प्रमुख स्तंभ बनकर उभर रहा है।”

वहीं, मुख्यमंत्री हिमंत विश्च शर्मा ने कहा कि असम ने विकास की बड़ी उम्मीदों के साथ कई बार मनमोहन सिंह को राज्यसभा भेजा था। उन्होंने आरोप लगाया, “सेमीकंडक्टर प्लांट और यह नयी नामरूप इकाई-ये सब उनके (मनमोहन सिंह के) कार्यकाल में दशकों पहले आ सकते थे, लेकिन दुर्भाग्य से उन्होंने असम की भावनाओं का सम्मान नहीं किया।”

शर्मा ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने दशकों तक नामरूप की उपेक्षा की और किसानों की आयातित यूरिया पर निर्भरता कम करने में विफल रहीं।

उन्होंने कहा कि असम को अब जो कुछ भी मिल रहा है, वह प्रधानमंत्री मोदी के “प्रेम और स्नेह” के कारण ही संभव हुआ है।

उन्होंने कहा, “हमने प्रधानमंत्री से नामरूप में पांच लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाला संयंत्र देने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने असम में विकास को गति देने और परियोजना के समग्र पुनरुद्धार के लिए 12 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले संयंत्र को मंजूरी दी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी ने सेमीकंडक्टर संयंत्र, ब्रह्मपुत्र पर धुबरी–फुलबाड़ी पुल, नुमालीगढ़ बायो-एथेनॉल संयंत्र, गोहपुर सुरंग, काजीरंगा एलिवेटेड कॉरिडोर और गुवाहाटी हवाईअड्डे के नये टर्मिनल जैसी परियोजनाओं को मंजूरी देकर असम का अभूतपूर्व विकास सुनिश्चित किया है।

उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि असम आपके योगदान को कभी नहीं भूलेगा और आपके कार्यकाल में राज्य ने हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है।”

आगामी नये उर्वरक संयंत्र के बारे में शर्मा ने कहा कि यह परियोजना नामरूप में 300 से अधिक प्रत्यक्ष और 1,000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेगी।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप


लेखक के बारे में