विशेष अदालत ने लुईस खुर्शीद के खिलाफ ईडी की अभियोग शिकायत का संज्ञान लिया

विशेष अदालत ने लुईस खुर्शीद के खिलाफ ईडी की अभियोग शिकायत का संज्ञान लिया

विशेष अदालत ने लुईस खुर्शीद के खिलाफ ईडी की अभियोग शिकायत का संज्ञान लिया
Modified Date: December 23, 2025 / 06:06 pm IST
Published Date: December 23, 2025 6:06 pm IST

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) लखनऊ की एक विशेष अदालत ने कृत्रिम अंगों और उपकरणों के वितरण में सरकारी धन के ‘‘दुरुपयोग’’ से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद और अन्य के खिलाफ दायर अभियोग शिकायत का संज्ञान ले लिया है। ईडी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

ईडी ने बताया कि उसने 11 अगस्त को लखनऊ स्थित विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष अभियोग शिकायत (आरोपपत्र) दायर की, जिसमें 45.92 लाख रुपये की संपत्ति जब्त करने और आरोपियों को दोषी ठहराने का अनुरोध किया गया है।

जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘लखनऊ की विशेष पीएमएलए अदालत ने 25 नवंबर को अभियोग शिकायत का संज्ञान लिया। ईडी ने उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के प्रतिनिधि प्रत्यूष शुक्ला और अन्य के खिलाफ दर्ज 17 प्राथमिकियों के आधार पर जांच शुरू कर दी है।’’

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मामले में लुईस खुर्शीद की प्रतिक्रिया जानने के लिए उन्हें भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिला।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव अतहर फारूकी उर्फ ​​मोहम्मद अथर और तत्कालीन परियोजना निदेशक लुईस खुर्शीद के खिलाफ सभी 17 मामलों में आरोपपत्र दायर किया था।

जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘ईडी की जांच में पता चला कि ट्रस्ट को मिली 71.50 लाख रुपये की अनुदान राशि का इस्तेमाल केंद्र सरकार की ओर से स्वीकृत शिविरों के आयोजन के लिए नहीं किया गया था। प्रत्यूष शुक्ला, मोहम्मद अतहर और लुईस खुर्शीद ने इस धनराशि का इस्तेमाल कथित तौर पर ट्रस्ट के हितों और अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए किया।’’

ईडी ने बताया कि इससे पहले उसने उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में कृषि भूमि के रूप में 29.51 लाख रुपये मूल्य की 15 अचल संपत्तियों और ट्रस्ट से जुड़े चार बैंक खातों में पड़े 16.41 लाख रुपये की राशि अस्थायी रूप से जब्त कर ली।

डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के पदाधिकारियों पर 2012 में भ्रष्टाचार और जालसाजी के आरोप लगे थे। उस समय सलमान खुर्शीद तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में मंत्री थे। हालांकि, खुर्शीद परिवार ने ट्रस्ट के संचालन में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया था।

भाषा पारुल नेत्रपाल

नेत्रपाल


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