आतिशी के खिलाफ मामले में विशेष न्यायाधीश ने राजनीतिक विश्लेषक की तरह काम किया: शिकायतकर्ता
आतिशी के खिलाफ मामले में विशेष न्यायाधीश ने राजनीतिक विश्लेषक की तरह काम किया: शिकायतकर्ता
नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ दायर मानहानि संबंधी एक मामले में शिकायतकर्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय से सोमवार को कहा कि उसके मामले को खारिज करने वाले विशेष न्यायाधीश ने ‘‘अपने अधिकारक्षेत्र से बाहर जाकर’’ और ‘‘राजनीतिक विश्लेषक’’ की तरह काम किया।
न्यायमूर्ति विकास महाजन के समक्ष उपस्थित शिकायतकर्ता प्रवीण शंकर कपूर के वकील ने न्यायाधीश की टिप्पणियों पर रोक का अनुरोध किया और कहा कि उन्होंने आतिशी को उनके मानहानिकारक बयानों के बावजूद ‘‘व्हिसलब्लोअर’’ करार दिया।
उन्होंने दलील दी कि आम आदमी पार्टी (आप) की नेता के खिलाफ मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा पारित समन के आदेश में ‘‘कुछ भी गलत या अवैध’’ नहीं था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के पूर्व मीडिया प्रमुख और प्रवक्ता कपूर ने आरोप लगाया कि आतिशी ने 27 जनवरी और 2 अप्रैल 2024 को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के खिलाफ ‘‘निराधार आरोप’’ लगाए और दावा किया कि पार्टी ने आप विधायकों से संपर्क किया तथा उन्हें पाला बदलने के लिए 20-25 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की।
आतिशी ने मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उन्हें जारी किए गए समन के खिलाफ विशेष न्यायाधीश का दरवाजा खटखटाया था। विशेष न्यायाधीश द्वारा दी गई राहत को चुनौती देते हुए कपूर के वकील ने कहा कि अदालत ने अपने अधिकारक्षेत्र के ‘‘सीमित दायरे’’ से बाहर जाकर काम किया।
उन्होंने कहा, ‘‘विशेष न्यायाधीश ने राजनीतिक विश्लेषक की तरह काम किया। अदालत ने आरोपी को ‘व्हिसलब्लोअर’ बनाने की कोशिश की। जब वह कोई शिकायत दर्ज नहीं करा रही है तो वह ‘व्हिसलब्लोअर’ कैसे हो सकती हैं?’’
वकील ने कहा, ‘‘वह आरोप लगा रही हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इसे व्यापक रूप से प्रसारित किया गया। अदालत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मामले में जाकर समीक्षा के दायरे से बाहर चली गईं।’’
वकील ने न्यायाधीश द्वारा भाजपा और आप के बीच की गई ‘तुलना’ पर भी आपत्ति जताई और कहा कि उन्हें केवल यह देखना चाहिए था कि क्या बयान मानहानिकारक थे।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने 28 जनवरी को कहा था कि आतिशी द्वारा लगाए गए आरोप राजनीतिक भ्रष्टाचार से संबंधित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का प्रयोग हैं, न कि मानहानि।
विशेष न्यायाधीश ने कहा कि मानहानि के हथियार का इस्तेमाल करके बड़ी आवाज छोटी आवाज को नहीं दबा सकती। उन्होंने कहा कि साक्ष्य आतिशी को आरोपी के रूप में बुलाने के लिए पर्याप्त आधार प्रस्तुत नहीं करते।
अदालत ने टिप्पणी की थी कि आतिशी की टिप्पणियां ‘व्हिसिलब्लोअर’ की तरह थीं और उन्हें भाजपा को बदनाम करने वाला कृत्य नहीं माना जा सकता।
भाषा आशीष नेत्रपाल
नेत्रपाल

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