बच्चों की मौत के बाद दवा कंपनियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीम बनाई गईं: तमिलनाडु के मंत्री

बच्चों की मौत के बाद दवा कंपनियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीम बनाई गईं: तमिलनाडु के मंत्री

बच्चों की मौत के बाद दवा कंपनियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीम बनाई गईं: तमिलनाडु के मंत्री
Modified Date: October 17, 2025 / 06:51 pm IST
Published Date: October 17, 2025 6:51 pm IST

चेन्नई, 17 अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु के चिकित्सा और परिवार कल्याण मंत्री एम सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने दवा बनाने वाली कंपनियों पर लगातार नजर रखने के लिए विशेष टीम बनाई हैं और राज्य की कुल 397 दवा कंपनियों में से करीब 50 कंपनियों का निरीक्षण किया गया है।

विधानसभा में सुब्रमण्यम ने कहा कि तमिलनाडु की एक कंपनी के बनाए कफ सिरप से मध्यप्रदेश में लगभग 25 बच्चों की मौत के बाद सरकार राज्य की सभी दवा कंपनियों की फैक्टरी का निरीक्षण कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘पिछले एक हफ़्ते में, 397 दवा कंपनियों में से सिरप बनाने वाली 50 कंपनियों का निरीक्षण किया गया। आगामी दिनों में 52 कंपनियों में भी इसी तरह के निरीक्षण के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। भविष्य में दवा बनाने वाली कंपनियों पर लगातार नज़र रखने के लिए विशेष टीम बनाई गई हैं।’

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मंत्री ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) नेता आर बी उदयकुमार, कांग्रेस विधायक आसन मौलाना और अन्य विधायकों के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।

मध्यप्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि उनके औषधि विभाग ने एक अक्टूबर को तमिलनाडु औषधि विभाग को ईमेल करके बताया कि तमिलनाडु की एक कंपनी के बनाए कफ सिरप से एक बच्चे की मौत हुई है, जबकि उन्होंने उनके मंत्रालय या सरकार से बात नहीं की।

उन्होंने कहा, ‘मध्यप्रदेश में हुई घटना के करीब 25 दिन बाद, उन्होंने एक अक्टूबर को एक ईमेल भेजा। हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए कदम उठाए गए।’

उन्होंने कहा कि चेन्नई के पास सुंगवरचतिराम में श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की फैक्टरी में छापा मारने के बाद तमिलनाडु में कफ सिरप कोल्ड्रिफ की बिक्री पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया गया और कंपनी को दवा का उत्पादन रोकने का आदेश जारी कर दिया गया है।

मंत्री ने कहा कि यह मध्यप्रदेश सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ज़िम्मेदारी है, लेकिन तमिलनाडु सरकार ने ओडिशा और पुडुचेरी समेत दूसरे राज्यों को भी अलर्ट किया, क्योंकि कंपनी ने इन राज्यों को कफ सिरप की आपूर्ति की थी।

उन्होंने कहा कि उत्पादन रोकने के आदेश के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट भारत के औषधि महानियंत्रक और उप औषधि नियंत्रक, दक्षिण क्षेत्र को भेज दी गई है।

सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार ने दवा कंपनी और उसकी शीर्ष प्रबंधन टीम के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की और नौ अक्टूबर को तमिलनाडु पुलिस के साथ एक विशेष जांच टीम ने कंपनी के मालिक 75 साल के रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने बताया कि 2021 और 2022 में श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की औषधि विभाग ने नियमित जांच की थी, लेकिन 2024 में निरीक्षण न होने की वजह से कांचीपुरम ज़ोन के वरिष्ठ औषधि निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया।

इस बीच, अन्नाद्रमुक के महासचिव के पलानीस्वामी ने कहा कि हाल के विवाद में शामिल दवा कंपनी ने 2019 और 2023 के बीच कई ‘गलतियां’ कीं, और तमिलनाडु सरकार को ज़्यादा सावधान रहना चाहिए था।

उन्होंने मध्यप्रदेश में 25 बच्चों की मौत का जिक्र करते हुए शुक्रवार को यहां सचिवालय के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘सरकार की लापरवाही के कारण 25 कीमती जानें चली गईं।’ उन्होंने यह भी जानना चाहा कि 2024 में दवा कंपनी की फैक्टरी का निरीक्षण क्यों नहीं किया गया।

भाषा आशीष माधव

माधव


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