संक्रामक, गैर-संक्रामक रोगों से निपटने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना जरूरी: भारती पवार

संक्रामक, गैर-संक्रामक रोगों से निपटने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना जरूरी: भारती पवार

संक्रामक, गैर-संक्रामक रोगों से निपटने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना जरूरी: भारती पवार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: November 11, 2022 6:09 pm IST

नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने शुक्रवार को कहा कि अतीत में मिली सीख इस बात की ओर इशारा करती हैं कि संक्रामक और गैर-संक्रामक रोगों से निपटने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना जरूरी है।

पवार ने कोलकाता में डायरिया (दस्त) रोग और पोषण पर 16वें एशियाई सम्मेलन (एएससीओडीडी) को संबोधित किया। भारत व अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों, अफ्रीकी देशों, अमेरिका और यूरोपीय देशों के प्रतिनिधियों ने वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन में हिस्सा लिया।

सम्मेलन के आयोजन के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान के निदेशक व टीम को बधाई देते हुए स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले कई वर्षों से एएससीओडीडी ने न केवल हैजा और टाइफाइड के महामारी विज्ञान पर, बल्कि आंत संबंधी रोगों के लिए टीके की पहल, रोगाणुरोधी प्रतिरोध, जल, पर्यावरण व स्वच्छता पहलुओं, आणविक नैदानिकी, भोजन व पोषण आदि से संबंधित कई आयामों पर चर्चा को आगे बढ़ाया है।’’

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पवार ने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे पिछले ढाई वर्षों से कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर संचालित कई सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को प्रभावित किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हम अपने सभी नागरिकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें। हमने सुदूर क्षेत्र के व्यक्ति तक पहुंचने पर विशेष ध्यान देने के साथ नागरिकों के लाभ के लिए कई पहल की हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि जनप्रतिनिधि होने के नाते जरूरतमंदों तक सेवाएं पहुंचाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।’’

उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत में स्वास्थ्य देखभाल संबंधित बुनियादी ढांचे में बढ़ोतरी हो रही है, वह प्रशंसनीय है और आने वाले वर्षों में विश्व इस ओर किए गए परिवर्तनों को देखेगा।

मंत्री ने डिजिटल इंडिया पहल के तहत ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली, अस्पताल प्रबंधन के लिए ई-अस्पताल, ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन ऐप जैसी विभिन्न पहलों को रेखांकित किया, जिससे लोग अपने घरों में सुविधाजनक रूप से अपना उपचार करा सकें।

उन्होंने कहा कि विश्व ने यह देखा है कि कैसे भारत ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत का अनुपालन करते हुए अपनी जनसंख्या के लिए 219 करोड़ से अधिक खुराक के रिकॉर्ड टीकाकरण के साथ नि:शुल्क टीकाकरण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित किया।

भारती पवार ने कहा, “विश्व के लिए भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए हमने अन्य देशों को टीके प्रदान किए, जिससे हम एक साथ महामारी से निपट सकें। सुरक्षित पेयजल और स्वास्थ्य के लिए बेहतर वातावरण को प्रबंधित करने के साथ सुरक्षित व सस्ते टीके, नैदानिकी व उपकरणों का प्रभावी उपयोग, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और सतत विकास लक्ष्यों को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारक हैं।’’

उन्होंने कहा कि अतीत की सीख ने इसका संकेत दिया है कि संक्रामक और गैर-संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ करना अनिवार्य है।

भाषा वैभव माधव

माधव


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