डॉक्टरों की दुविधा पर उच्चतम न्यायालय ने एम्स से गर्भपात टालने को कहा

डॉक्टरों की दुविधा पर उच्चतम न्यायालय ने एम्स से गर्भपात टालने को कहा

डॉक्टरों की दुविधा पर उच्चतम न्यायालय ने एम्स से गर्भपात टालने को कहा
Modified Date: October 10, 2023 / 08:37 pm IST
Published Date: October 10, 2023 8:37 pm IST

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एम्स (दिल्ली) को एक विवाहित महिला की 26 सप्ताह की गर्भावस्था के चिकित्सीय समापन को स्थगित करने का निर्देश दिया। एक दिन पहले हालांकि एक अन्य पीठ ने भ्रूण का गर्भपात करने की अनुमति दी थी।

केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ द्वारा सोमवार को पारित आदेश को वापस लेने की मांग की।

विधि अधिकारी ने कहा कि चिकित्सा बोर्ड के यह कहने के बावजूद कि भ्रूण के जन्म लेने की संभावना है और “उन्हें भ्रूणहत्या करनी होगी”, गर्भावस्था को समाप्त करने की सिफारिश की गई थी।

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प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, “क्या आप (आदेश को वापस लेने के लिए) औपचारिक आवेदन के साथ आ सकते हैं। हम उस पीठ के समक्ष रखेंगे जिसने आदेश पारित किया। एम्स के चिकित्सक बेहद गंभीर दुविधा में हैं… मैं कल सुबह एक पीठ का गठन करूंगा। कृपया एम्स को अभी रुकने के लिए कहें।”

सोमवार को, न्यायमूर्ति कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता को गर्भावस्था की चिकित्सीय समाप्ति के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी थी कि वह अवसाद से पीड़ित है और भावनात्मक, आर्थिक एवं मानसिक रूप से तीसरे बच्चे को पालने की स्थिति में नहीं है। महिला के दो बच्चे हैं।

भाषा प्रशांत अविनाश

अविनाश


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