उच्चतम न्यायालय ने ‘हनी ट्रैप’ मामले के आरोपी होटल मैनेजर को अग्रिम जमानत दी

उच्चतम न्यायालय ने 'हनी ट्रैप' मामले के आरोपी होटल मैनेजर को अग्रिम जमानत दी

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  • Publish Date - May 2, 2024 / 08:41 PM IST,
    Updated On - May 2, 2024 / 08:41 PM IST

नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने भोपाल में बीएचईएल कर्मचारी से जुड़े ‘हनी ट्रैप’ (मोहपाश में फंसाना) मामले के आरोपी एक होटल प्रबंधक को बृहस्पतिवार को अग्रिम जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने मामले में मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी किया और जवाब दाखिल करने को कहा।

पीठ ने कहा, ‘‘इस बीच, याचिकाकर्ता को मध्य प्रदेश के भोपाल जिले के पुलिस थाना गोविंदपुरा में दर्ज प्राथमिकी के संबंध में गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।’’

आरोपी की ओर से पेश वकील अश्विनी कुमार दुबे ने कहा कि याचिकाकर्ता निर्दोष है और अपराध में उसकी कोई भूमिका नहीं है।

दुबे ने कहा कि संबंधित राशि सह-अभियुक्त मनोज मेवाड़ी से बरामद कर ली गई है और मामले में आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है।

शीर्ष अदालत आरोपी पुष्पेंद्र ठाकुर द्वारा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने मामले में अग्रिम जमानत की मांग करने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

पुलिस द्वारा यह दावा किया गया था कि शिकायतकर्ता का क्रेडिट या डेबिट कार्ड मुख्य आरोपी व्यक्ति द्वारा लाया गया था और राशि निकालने के लिए होटल में उसकी अदला-बदली की गई थी। ठाकुर होटल में मौजूद था और उसने सह-आरोपी को कार्ड स्वैप करने की अनुमति दी थी।

पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता भोपाल में एक कारीगर के रूप में तैनात है और उसकी पत्नी जनवरी में प्रसव के बाद तमिलनाडु में अपने पैतृक शहर में रह रही है।

शिकायतकर्ता एक महिला के संपर्क में आया और वे दोनों फोन पर बात करने लगे।

बाद में, उसने एक अन्य महिला से उसका परिचय कराया और कहा कि उसे नौकरी की सख्त जरूरत है। तीनों ने मिलने का फैसला किया और दोनों महिलाएं उसे भोपाल के कटारा हिल्स इलाके में एक घर में ले गईं।

जब वे लोग घर के अंदर थे तो दो लोग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर घर में घुस आए और शिकायतकर्ता को बलात्कार के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी और उससे 20 लाख रुपये की मांग की।

भाषा सुरेश अविनाश

अविनाश