मौलिक अधिकारों का दायरा बढ़ाने में शीर्ष अदालत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: प्रधान न्यायाधीश गवई

मौलिक अधिकारों का दायरा बढ़ाने में शीर्ष अदालत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: प्रधान न्यायाधीश गवई

मौलिक अधिकारों का दायरा बढ़ाने में शीर्ष अदालत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: प्रधान न्यायाधीश गवई
Modified Date: May 21, 2025 / 09:41 pm IST
Published Date: May 21, 2025 9:41 pm IST

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मौलिक अधिकारों के दायरे को बढ़ाने में ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ निभाई है।

उन्होंने कहा कि शीर्ष न्यायालय सूचना प्रौद्योगिकी, मध्यस्थता और चुनावी प्रक्रियाओं से संबंधित जटिल मुद्दों पर निर्णय देकर समाज की उभरती जरूरतों के प्रति गंभीर रहा है।

प्रधान न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने जनहित याचिकाओं के माध्यम से, सबसे अधिक हाशिए पर पड़े लोगों के लिए अपने दरवाजे खोले हैं।

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प्रधान न्यायाधीश ‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ (एससीबीए) द्वारा आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे जिसे शीर्ष न्यायालय के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक पुस्तक का विमोचन करने के लिए आयोजित किया गया था।

उच्चतम न्यायालय 26 जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आया था और दो दिन बाद इसका उद्घाटन किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘…इस अर्थ में सर्वोच्च न्यायालय की 75 वर्ष की यात्रा को भारतीय संविधान की यात्रा से अलग नहीं किया जा सकता है। दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, एक जीवन देता है और दूसरा यह सुनिश्चित करता है कि जीवन सम्मान, न्याय और स्वतंत्रता के साथ बना रहे।’’

भाषा संतोष अविनाश

अविनाश


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