210 माओवादियों के आत्मसमर्पण ने नक्सल आंदोलन को काफी पीछे धकेला – छत्तीसगढ़ पुलिस
210 माओवादियों के आत्मसमर्पण ने नक्सल आंदोलन को काफी पीछे धकेला - छत्तीसगढ़ पुलिस
जगदलपुर (छत्तीसगढ़), 17 अक्टूबर (भाषा) छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को वरिष्ठ माओवादी नेता रूपेश समेत 210 नक्सलियों के आत्मसमर्पण ने नक्सल आंदोलन को काफी पीछे धकेल दिया है जो पिछले लगभग चार दशक से केंद्र और राज्य सरकारों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, इस वर्ष प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के महासचिव समेत कई शीर्ष कार्यकर्ताओं के मुठभेड़ों में मारे जाने और कई वरिष्ठ माओवादी नेताओं के आंदोलन से अलग होने के बाद इस आत्मसमर्पण ने यह साबित कर दिया है कि नक्सल समस्या अब समाप्ति की ओर है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आज बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में आत्मसमर्पण करने वाले दंडकारण्य क्षेत्र की 111 महिलाओं समेत सभी कार्यकर्ताओं पर राज्य में कुल 9.18 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।
दंडकारण्य में दक्षिण छत्तीसगढ़ (बस्तर) के कुछ हिस्से तथा ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश राज्यों के सीमावर्ती इलाके शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित संगठन के सबसे वांछित नेताओं में से एक तक्कल्लापल्ली वासुदेव राव पर 40 लाख रुपये का इनाम है। उसे आशन्ना, रूपेश और सतीश के नाम से भी जाना जाता है।
इस आत्मसमर्पण को ‘माओवादी कैडर का मुख्यधारा में पुनरागमन’ नाम दिया गया है। इसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम बताते हुए, बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने कहा कि नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में माओवादी कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से हिंसा का रास्ता छोड़ा है और अपने हथियार डाले हैं, जो सशस्त्र संघर्ष का प्रतीकात्मक अंत है।
उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले कार्यकर्ताओं में एक केंद्रीय समिति सदस्य, चार दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) सदस्य, एक रिजनल कमेटी सदस्य, 22 डिजिवनल कमेटी सदस्य (डीवीसीएम), 61 एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम), 98 पार्टी सदस्य, 98 पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी)/आरपीसी (क्रांतिकारी पार्टी समिति) और अन्य सदस्य शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि सीसीएम रूपेश पर 40 लाख रुपये का इनाम है, जबकि डीकेएसजेडसी के चार सदस्यों भास्कर उर्फ राजमन मंडावी, रनिता, राजू सलाम और धन्नू वेट्टी उर्फ संतू पर 25-25 लाख रुपये का इनाम है। अन्य कैडरों पर एक लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का इनाम है।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों ने 153 हथियार सौंपे, जिनमें 19 एके-47 राइफलें, 17 एसएलआर राइफल, 23 इंसास राइफलें, एक इंसास एलएमजी (लाइट मशीन गन), 36 .303 राइफल, चार कार्बाइन, 11 बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर), 41 सिंगल-बैरल/12-बोर बंदूक और एक पिस्तौल शामिल हैं।
सुंदरराज ने कहा कि जगदलपुर में कुल 210 माओवादी कैडरों का आत्मसमर्पण निर्णायक घटनाक्रम क्षेत्र में स्थायी शांति और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक घटनाक्रम केंद्र एवं राज्य सरकार के मार्गदर्शन में पुलिस, सुरक्षा बलों, स्थानीय प्रशासन तथा सजग एवं जागरूक समाज के समन्वित और सतत प्रयासों का परिणाम है।
आईजी ने कहा कि शांति, संवाद और विकास पर केंद्रित निरंतर प्रयासों ने अनेक कैडरों को हिंसा त्यागकर कानून और समाज की मर्यादा में सम्मानजनक, शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण जीवन अपनाने के लिए प्रेरित किया है।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि रूपेश पिछले 36 वर्षों से प्रतिबंधित संगठन से जुड़ा था और उसमें विभिन्न पदों पर कार्यरत रहा। वर्तमान में वह डीकेएसजेडसी के उत्तरी उप-क्षेत्रीय ब्यूरो का प्रभारी था जो अब तक दक्षिण छत्तीसगढ़ (बस्तर क्षेत्र) में माओवादी गतिविधियों को संभालने वाला माओवादियों का सबसे मजबूत संगठन है।
हाल के महीनों में माओवादियों को बस्तर रेंज और छत्तीसगढ़ तथा अन्य राज्यों के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में लगातार झटके लगे हैं, जिनमें वरिष्ठ नेताओं का खात्मा, हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी बरामदगी, और उनके पूर्व गढ़ों में कई ठिकानों को ध्वस्त करना शामिल है।
इस वर्ष अब तक, छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में 253 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें सबसे उल्लेखनीय प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव और शीर्ष कार्यकर्ता नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू (70) और पांच केंद्रीय समिति सदस्यों का मारा जाना है।
पुलिस ने बताया कि इस साल झारखंड में दो केंद्रीय समिति सदस्य और आंध्र प्रदेश में एक अन्य सदस्य मारा गया।
शीर्ष नक्सली नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल राव ने 60 अन्य कार्यकर्ताओं के साथ 14 अक्टूबर को महाराष्ट्र के गडचिरोली जिले में आत्मसमर्पण कर दिया।
भाषा संजीव नोमान
नोमान

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