नरेंद्र मोदी और चंद्रबाबू के बीच नहीं बनी बात, टीडीपी मंत्रियों का इस्तीफा

नरेंद्र मोदी और चंद्रबाबू के बीच नहीं बनी बात, टीडीपी मंत्रियों का इस्तीफा

नरेंद्र मोदी और चंद्रबाबू के बीच नहीं बनी बात, टीडीपी मंत्रियों का इस्तीफा
Modified Date: November 29, 2022 / 07:53 pm IST
Published Date: March 8, 2018 1:23 pm IST

नई दिल्ली। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार से तेलुगु देशम पार्टी के दोनों मंत्रियों ने आखिरकार अपना इस्तीफा दे दिया। आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा की मांग को लेकर बीजेपी और टीडीपी के बीच गतिरोध चल रहा था, जिसका परिणाम अब से थोड़ी देर पहले इस्तीफे के रूप में सामने आया। अशोक गजपति राजू ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि वो केंद्रीय मंत्रिमंडल से अपना त्यागपत्र दे रहे हैं, जिसे मंजूर किया जाए। राजू ने साथ ही मंत्रिपद के अपने कार्यकाल के दौरान मिले सहयोग के लिए औपचारिक तौर पर आभार भी जताया है।


इससे पहले, इन दोनों मंत्रियों के इस्तीफे की सूचना मिलने और शाम 6 बजे इस्तीफा सौंपने आने की जानकारी मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू से बात भी की थी। इस बातचीत में चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री को अपने इस फैसले के कारणों के बारे में जानकारी दी। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन दोनों नेताओं के बीच सहमति नहीं बन पाई। इस आखिरी कोशिश के नाकाम होने के साथ ही ये साफ हो गया था कि अब टीडीपी और बीजेपी के बीच किसी तरह के सुलह-समझौते की गुंजाइश बाकी नहीं रह गई है।


आपको बता दें कि बजट पेश किए जाने के दिन से ही टीडीपी के सांसद संसद भवन परिसर में लगातार प्रदर्शन करते रहे हैं। टीडीपी का कहना है कि केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा का वादा किया था, जिसका इंतजार चार साल से संयम के साथ वो (टीडीपी) करती रही। अब बजट सत्र के दौरान जब वो इस वादे को पूरा करने की मांग कर रही है तो केंद्र सरकार उनकी मांग की अनदेखी कर रही है। 

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आपको बता दें कि टीडीपी के बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से अलग होने के बावजूद सरकार के स्थायित्व को किसी तरह का कोई संकट नहीं है, क्योंकि लोकसभा में बीजेपी अकेले दम पर पूर्ण बहुमत में है। हालांकि 2019 के चुनाव को लेकर इसका असर आंध्र प्रदेश में पड़ सकता है क्योंकि पिछले साल एनडीए के सभी घटकों ने बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव मैदान में जाने का प्रस्ताव पारित किया था। 

 

 

 

वेब डेस्क, IBC24


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