तमिलनाडु ने नये मुल्लापेरियार बांध के निर्माण के केरल के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई

तमिलनाडु ने नये मुल्लापेरियार बांध के निर्माण के केरल के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई

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  • Publish Date - May 24, 2024 / 10:05 PM IST,
    Updated On - May 24, 2024 / 10:05 PM IST

चेन्नई, 24 मई (भाषा) तमिलनाडु सरकार ने 28 मई को विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति की होने वाली बैठक में नये मुल्लापेरियार बांध के निर्माण पर पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए) अध्ययन संबंधी केरल के प्रस्ताव को केंद्र द्वारा शामिल करने पर शुक्रवार को कड़ी आपत्ति जतायी और इस विषय को बैठक के एजेंडे से हटाने की मांग की।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मुल्लापेरियार जलाशय मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के पहले के आदेशों का संबंधित पक्षों द्वारा पालन नहीं किए जाने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।

स्टालिन ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘ उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर मुल्लापेरियार में (मौजूदा बांध को ध्वस्त करने के बाद) एक नया बांध बनाने हेतु अध्ययन करने के केरल के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार के विचार करने को लेकर मैं तमिलनाडु सरकार की कड़ी आपत्ति व्यक्त करना चाहता हूं। ’’

उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ) की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने अपनी आगामी बैठक के एजेंडे में केरल के सिंचाई डिजाइन और अनुसंधान बोर्ड (आईडीआरबी) के प्रस्ताव को शामिल किया है।

स्टालिन ने कहा कि मौजूदा मुल्लापेरियार बांध के स्थान पर नया जलाशय बनाने का यह प्रस्ताव उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के खिलाफ है।

उन्होंने पत्र में कहा कि विभिन्न विशेषज्ञ समितियों ने मौजूदा बांध को बार-बार सभी पहलुओं में सुरक्षित पाया है और शीर्ष अदालत ने 27 फरवरी, 2006 तथा सात मई, 2014 को अपने फैसलों में इस पर प्रकाश डाला था।

स्टालिन ने अपने पत्र में कहा, ‘‘यदि इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षों द्वारा उच्चतम न्यायालय के पहले के आदेशों का पालन नहीं किया जाता है, तो हम अवमानना याचिका दायर करने सहित कड़ी कानूनी कार्रवाई करने का इरादा रखते हैं।’’

इस बीच, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव ई के पलानीस्वामी ने राज्य सरकार से शीर्ष अदालत के फैसले का उल्लंघन करने के लिए पड़ोसी राज्य केरल के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने का आह्वान किया।

भाषा रवि कांत राजकुमार

राजकुमार