कुलपतियों की नियुक्ति संबंधी कानून पर रोक के खिलाफ तमिलनाडु की याचिका पर दो दिसंबर को सुनवाई

कुलपतियों की नियुक्ति संबंधी कानून पर रोक के खिलाफ तमिलनाडु की याचिका पर दो दिसंबर को सुनवाई

कुलपतियों की नियुक्ति संबंधी कानून पर रोक के खिलाफ तमिलनाडु की याचिका पर दो दिसंबर को सुनवाई
Modified Date: November 17, 2025 / 09:37 pm IST
Published Date: November 17, 2025 9:37 pm IST

नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय सोमवार को तमिलनाडु सरकार की एक याचिका पर दो दिसंबर को सुनवाई के लिए सहमत हो गया। याचिका में मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के राज्यपाल के अधिकार छीनने वाले राज्य संशोधनों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी गई थी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि पहले सप्ताह में वह याचिका पर सुनवाई करेगी। पीठ ने राज्य सरकार को अपनी बात रखने के लिए विस्तृत अवसर देने का निर्देश दिया था।

पीठ शुरू में मामले को इस निर्देश के साथ सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय को वापस भेजने के पक्ष में थी कि राज्य सरकार को अपनी बात रखने के लिए विस्तृत अवसर दिया जाए।

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राज्यपाल की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह मुद्दा राज्यपाल की शक्तियों पर राष्ट्रपति के संदर्भ पर फैसले में शामिल हो सकता है, जिसे भारत के प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा सुनाए जाने की संभावना है।

तमिलनाडु सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं अभिषेक सिंघवी और पी विल्सन ने कहा कि अदालत इस मुद्दे को एक सप्ताह तक लंबित रख सकती है और देख सकती है कि यह फैसले के अंतर्गत आता है या नहीं।

पीठ ने कहा कि बेहतर होता यदि उसे उच्च न्यायालय के दृष्टिकोण का लाभ मिलता।

राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में लंबित राज्य के संशोधन को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित करने का आग्रह करते हुए भी एक याचिका दायर की है।

सिंघवी ने कहा कि उनके विचार में इस मामले का राष्ट्रपति के संदर्भ से कोई लेना-देना नहीं है और उच्चतम न्यायालय आसानी से इस पर विचार कर सकता है।

भाषा

नेत्रपाल संतोष

संतोष


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