टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, लॉकहीड मार्टिन ने भारत में नये सी-130जे एमआरओ केंद्र की स्थापना की घोषणा की

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, लॉकहीड मार्टिन ने भारत में नये सी-130जे एमआरओ केंद्र की स्थापना की घोषणा की

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स,  लॉकहीड मार्टिन ने भारत में नये सी-130जे एमआरओ केंद्र की स्थापना की घोषणा की
Modified Date: December 8, 2025 / 04:37 pm IST
Published Date: December 8, 2025 4:37 pm IST

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और लॉकहीड मार्टिन ने भारत में सी-130जे सुपर हरक्यूलिस सैन्य परिवहन विमान के संचालन में मदद के लिए एक नये रखरखाव, मरम्मत एवं नवीकरण (एमआरओ) केंद्र की स्थापना की सोमवार को घोषणा की।

बेंगलुरु में इस केंद्र की स्थापना की घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब टाटा-लॉकहीड मार्टिन संयुक्त उद्यम भारतीय वायु सेना को लगभग 80 भारी मालवाहक विमानों की आपूर्ति से जुड़ा करार हासिल करने की दौड़ में सी-130जे सुपर हरक्यूलिस को सर्वश्रेष्ठ विमान के रूप में पेश कर रहा है।

भारतीय वायु सेना फिलहाल लॉकहीड मार्टिन के 12 सी-130जे विमानों का संचालन करती है, जिन्हें दुनिया के अग्रणी सामरिक मालवाहक विमानों में से एक माना जाता है।

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एमआरओ केंद्र की स्थापना की घोषणा के अवसर पर भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी, सरकारी गणमान्य व्यक्ति, उद्योग जगत के दिग्गज और लॉकहीड मार्टिन तथा टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

लॉकहीड मार्टिन के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) फ्रैंक सेंट जॉन ने कहा, ‘‘आज की घोषणा दर्शाती है कि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और भारत के साथ हमारा सहयोग कितनी दूर तक पहुंच गया है और हम किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सात दशक से भी ज्यादा समय से, हम भारत के बढ़ते एयरोस्पेस और रक्षा औद्योगिक आधार के साथ आगे बढ़े हैं। यह नया सी-130जे एमआरओ केंद्र उस नींव को मजबूत करता है।’’

जॉन ने कहा कि यह केंद्र भारत में विश्वस्तरीय रखरखाव क्षमता विकसित करेगा, भारतीय वायु सेना की तैयारियों में सुधार लाएगा और ऐसे अवसर पैदा करेगा, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सी-130जे संचालकों के लिए मददगार होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आने वाले दशकों में भारत के लिए और भारत के भीतर क्षमता निर्माण के वास्ते प्रतिबद्ध हैं।’’

इस अवसर पर टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) सुकरन सिंह ने कहा, ‘‘यह मील का पत्थर एक नये केंद्र की स्थापना से कहीं अधिक है – यह खुद के रक्षा भविष्य को आकार देने की दिशा में भारत के बढ़ते आत्मविश्वास और क्षमता को दर्शाता है।’’

लॉकहीड के एक अधिकारी ने बताया कि एमआरओ केंद्र का निर्माण 2026 के अंत तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस केंद्र को एमआरओ संचालन के लिए पहला सी-130जे विमान 2027 की शुरुआत में मिलने की उम्मीद है।

भाषा

राजकुमार पारुल

पारुल


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