इस राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले राजनीतिक दल के नेता | TDP chief meets Ram Nath Kovind; Demand for President's Rule in Andhra Pradesh

इस राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले राजनीतिक दल के नेता

रामनाथ कोविंद से मिले तेदेपा प्रमुख; आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : October 25, 2021/6:39 pm IST

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर । तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए कहा कि ‘राज्य प्रायोजित’ आतंक ‘अकल्पनीय ऊंचाई’ पर पहुंच गया है जिससे लोकतंत्र, संस्थानों एवं राज्य के ताने-बाने के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। नायडू ने कहा राज्य में व्यापक ड्रग कारोबार से आपराधिक नेटवर्क के कथित रिश्ते तथा 19 अक्टूबर को तेदेपा नेताओं और पार्टी कार्यालयों पर हमलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से कराने की मांग की ।

उन्होंने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पर सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के साथ कथित मिलीभगत तथा संवैधानिक कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों से बचने का आरोप लगाते हुए उन्हें वापस बुलाने की मांग की। उन्होंने राष्ट्रपति को दिए एक ज्ञापन में कहा, ‘‘राज्य के लोगों को अपने उन अधिकारों पर रोज खतरे का सामना करना पड़ रहा है जो उन्हें संविधान की ओर से मिले हैं….राज्य प्रायोजित आतंक अकल्पनीय ऊंचाई पर पहुंच गया है, जो लोकतंत्र, संस्थानों और राज्य के ताने-बाने के लिए खतरनाक है ।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘लगातार संविधान का उल्लंघन करने वाली वाईएसआरसीपी शासित राज्य सरकार के प्रति यदि केंद्र चुप रहता है तो देश के विघटन के लिए बीजारोपण होने की पूरी संभावना है।’’ तेदेपा अध्यक्ष ने दावा किया कि वर्तमान स्थिति अनुच्छेद 356 लागू करने के लिए पूरी तरह उपयुक्त है । आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके नायडू ने कहा, “जैसा कि आप अच्छी तरह से जानते हैं, अनुच्छेद 356 ऐसा नहीं है जिसे सीधे थोप दिया जाए। गंभीर परिस्थितियों को छोड़कर तेदेपा स्वयं अनुच्छेद 356 लागू किये जाने का समर्थन नहीं करती है। हम आपसे आंध्र प्रदेश की मौजूदा स्थिति को देखने का पुरजोर आग्रह करते हैं।’’

आंध्र प्रदेश से शेष भारत में नशीली दवाओं के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रपति के हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए, नायडू ने कहा कि राज्य में लगभग 2,500 एकड़ में 8,000 करोड़ रुपये के गांजे की खेती की जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस साल 15 सितंबर को मुंद्रा बंदरगाह पर करीब तीन हजार किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी । हाल में 21 अक्टूबर को, बेंगलुरू पुलिस ने तीन किलो स्यूडोएफ़ेड्रिन का एक केस जब्त किया था और बल ने पश्चिम गोदावरी के नरसापुरम में मादक पदार्थ की उत्पत्ति का पता लगाया था ।

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उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि आंध्र प्रदेश एक ड्रग-हब राज्य के रूप में उभरा है जिसने राज्य और राष्ट्र की सीमायें पार कर ली है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि इस प्रसार को अनियंत्रित छोड़ दिया जाता है, तो देश और प्रदेश के हमारे युवाओं का भविष्य बहुत जोखिम में है। यह अवैध व्यापार असामाजिक तत्वों के लिए एक महत्वपूर्ण राजस्व धारा के रूप में कार्य करता है ’’

तेदेपा नेता ने एक बैठक में कहा कि आंध्र प्रदेश में ‘‘राज्य तंत्र का माफियाकरण’ किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़-वाईएसआरसीपी अवैध व्यापार नेटवर्क से धन प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि एक प्रमुख उदाहरण 19 अक्टूबर को राज्य भर में तेदेपा कार्यालयों और नेताओं पर भीड़ का हमला है, जिसमें पार्टी का राष्ट्रीय मुख्यालय भी शामिल हैं। नायडू ने कहा, ”यह हमला डीजीपी की मौजूदगी के बावजूद किया गया…” और पुलिस दर्शक बनी रही। उन्होंने कहा कि असंतुष्ट व्यक्तियों, संगठनों और राजनीतिक दलों, विशेषकर तेदेपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हजारों ‘‘झूठे मामले’’ दर्ज किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने भी राज्य में अराजकता की ओर इशारा किया है। नायडू मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की भी योजना बना रहे हैं ताकि मामले में उनसे हस्तक्षेप के लिए कहा जा सके।