शिक्षकों ने शिकायतों की जांच के लिए समिति गठित करने संबंधी नगालैंड सरकार के प्रस्ताव को खारिज किया
शिक्षकों ने शिकायतों की जांच के लिए समिति गठित करने संबंधी नगालैंड सरकार के प्रस्ताव को खारिज किया
कोहिमा, 18 सितंबर (भाषा) नगालैंड शिक्षा विभाग ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के आंदोलनकारी शिक्षकों की मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा। शिक्षक अपनी सेवाओं को नियमित करने और वेतनमान की मांग कर रहे हैं।
आरएमएसए-2016 बैच के शिक्षकों ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिनका यहां सचिवालय के बाहर प्रदर्शन बृहस्पतिवार को नौवें दिन भी जारी रहा।
विभाग ने एक बयान में कहा कि इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और गृह आयुक्त अभिजीत सिन्हा ने एक बैठक बुलाई थी।
इसमें कहा गया है कि चर्चा के दौरान सिन्हा ने सरकार की प्रक्रियाओं और बाधाओं को समझाया और कहा कि शिक्षकों की वेतनमान की मांग पर तब तक विचार नहीं किया जा सकता जब तक कि उच्चतम न्यायालय में लंबित समीक्षा याचिका का नतीजा नहीं आ जाता।
बैठक में स्कूल शिक्षा, विधि एवं न्याय विभाग, समग्र शिक्षा विभाग के अधिकारी तथा आरएमएसए-2016 बैच के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सिन्हा ने उन्हें छात्रों पर उनके आंदोलन के प्रतिकूल प्रभाव की याद दिलाई और मामले को सुलझाने के लिए सरकार की मंशा पर जोर दिया।
बयान में कहा गया है, ‘‘विभाग ने शिकायतों की जांच के लिए स्कूल शिक्षा, वित्त, कानून और न्याय विभागों के अधिकारियों, अखिल नगालैंड स्कूल शिक्षक संघ और आरएमएसए-2016 बैच के प्रतिनिधियों की एक समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा है।’’
इसने आश्वासन दिया कि आंदोलनकारी शिक्षकों द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन का अध्ययन किया जायेगा, तथा उनसे विरोध प्रदर्शन समाप्त करने और स्कूल लौटने का आग्रह किया जायेगा।
नगालैंड आरएमएसए-2016 शिक्षक संघ के प्रवक्ता रेनबेमो एल पैटन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आंदोलनकारियों ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनसे स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक वे वेतनमान देने, नियमितीकरण और राज्य शिक्षण संवर्ग में शामिल करने के लिए कोई व्यावहारिक समाधान नहीं निकालते, हम कोई अन्य प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेंगे और आंदोलन जारी रखेंगे।’’
आरएमएसए-2016 बैच के लगभग 367 शिक्षकों ने लगातार नौवें दिन सचिवालय के बाहर अपना धरना जारी रखा।
भाषा
देवेंद्र अविनाश
अविनाश

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