शिक्षा को अंतिम छोर तक ले जाने में अहम भूमिका निभा सकती है प्रौद्योगिकी: उपराष्ट्रपति

शिक्षा को अंतिम छोर तक ले जाने में अहम भूमिका निभा सकती है प्रौद्योगिकी: उपराष्ट्रपति

शिक्षा को अंतिम छोर तक ले जाने में अहम भूमिका निभा सकती है प्रौद्योगिकी: उपराष्ट्रपति
Modified Date: November 29, 2022 / 08:29 pm IST
Published Date: December 18, 2021 5:09 pm IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि प्रौद्योगिकी बाधाओं को पार करके शिक्षा को अंतिम छोर तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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उन्होंने देश के प्राचीन ज्ञान की संपदा पर आधारित शिक्षा प्रणाली का ‘‘भारतीयकरण’’ करने का भी आह्वान किया और कहा कि औपनिवेशिक शिक्षा प्रणाली ने लोगों में एक हीन भावना और संशय पैदा किया है।

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नायडू ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में मूल्य-आधारित परिवर्तन की आवश्यकता है, जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में परिकल्पना की गई है।

शिक्षा के लोकतंत्रीकरण में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा को अंतिम छोर तक ले जाने पर छात्रों की अप्रयुक्त क्षमता का उपयोग व्यापक पैमाने पर बेहतरी के लिए किया जा सकता है।

उपराष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार नायडू ने देश को नवाचार, सीखने और बौद्धिक नेतृत्व के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

यहां ऋषिहुड विश्वविद्यालय का उद्घाटन करते हुए नायडू ने याद किया कि भारत को कभी ‘‘विश्व गुरु’’ के रूप में जाना जाता था। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास नालंदा, तक्षशिला और पुष्पगिरि जैसे महान संस्थान थे, जहां दुनिया के कोने-कोने से छात्र सीखने आते थे।’’

उन्होंने कहा कि देश को उस पूर्व-प्रतिष्ठित स्थान को पुनः प्राप्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में समग्र शिक्षा की गौरवशाली परंपरा रही है। उन्होंने इस परंपरा को पुनर्जीवित करने और शैक्षिक परिदृश्य को बदलने का आह्वान किया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा एक राष्ट्र के परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने शिक्षा को ‘‘मिशन’’ के रूप में लेने का आह्वान किया।

नायडू ने देश के प्रत्येक शिक्षण संस्थान से एनईपी को अक्षरश: लागू करने का आग्रह किया।

भाषा देवेंद्र दिलीप

दिलीप


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