तेजपुर विवि विवाद सुलझाने में विफल, वरिष्ठतम प्रोफेसर ने कार्यवाहक वीसी के रूप में कार्यभार संभाला

तेजपुर विवि विवाद सुलझाने में विफल, वरिष्ठतम प्रोफेसर ने कार्यवाहक वीसी के रूप में कार्यभार संभाला

तेजपुर विवि विवाद सुलझाने में विफल, वरिष्ठतम प्रोफेसर ने कार्यवाहक वीसी के रूप में कार्यभार संभाला
Modified Date: December 5, 2025 / 10:28 pm IST
Published Date: December 5, 2025 10:28 pm IST

तेजपुर (असम), पांच दिसंबर (भाषा) असम के तेजपुर विश्वविद्यालय में नाटकीय घटनाक्रम के बीच शुक्रवार को विश्वविद्यालय के कानूनों का हवाला देते हुए वरिष्ठतम संकाय सदस्य ने खुद ही कार्यवाहक कुलपति का पदभार ग्रहण कर लिया।

विश्वविद्यालय पिछले सात दिन से पूरी तरह बंद है।

नए कार्यवाहक कुलपति ध्रुव कुमार भट्टाचार्य ने कहा कि वह रुकी हुई परीक्षाएं आठ दिसंबर से आयोजित करने की व्यवस्था कर रहे हैं, हालांकि आंदोलनकारी छात्रों ने घोषणा की है कि जब तक वर्तमान कुलपति शंभू नाथ सिंह को हटाने की उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक बंद जारी रहेगा।

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हालांकि, प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) की बैठक को संकाय के एक वर्ग ने अवैध बताया।

विश्वविद्यालय में सितंबर के मध्य से भ्रष्टाचार के आरोप में कुलपति शंभूनाथ सिंह के खिलाफ आंदोलन जारी है। सिंह ने बृहस्पतिवार दोपहर बीओएम की बैठक बुलाकर जनसंचार विभाग में प्रोफेसर जोया चक्रवर्ती को प्रो-वाइस चांसलर नियुक्त किया था।

हालांकि, चक्रवर्ती ने नियुक्ति स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद आंदोलन की अगुवाई कर रहे तेजपुर यूनिवर्सिटी यूनाइटेड फोरम (टीयूयूएफ) ने असम के सोनितपुर में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय में अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया।

विश्वविद्यालय में कामकाज 29 नवंबर से बंद है।

प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार के आरोपों में सिंह को हटाने की मांग कर रहे हैं।

एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने बताया कि समस्त विश्वविद्यालय समुदाय की बृहस्पतिवार देर रात बैठक हुई, जिसमें तेजपुर विश्वविद्यालय अधिनियम,1993 को स्वत: लागू करने का फैसला लिया गया।

इसके बाद विश्वविद्यालय के वरिष्ठतम संकाय सदस्य ध्रुव कुमार भट्टाचार्य ने तत्काल प्रभाव से कार्यवाहक कुलपति का पदभार संभाल लिया।

कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के प्रोफेसर भट्टाचार्य ने इसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखकर उन्हें नवीनतम घटनाक्रम से अवगत कराया, साथ ही अधिनियम के संबंधित प्रावधानों का हवाला दिया।

उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘कुलपति की लंबी अनुपस्थिति, कुलपति कार्यालय के काम न करने और परिसर में व्याप्त वर्तमान स्थिति को देखते हुए, परिसर में सामान्य स्थिति लाने के लिए… मैं, प्रोफेसर ध्रुव कुमार भट्टाचार्य, विश्वविद्यालय के वरिष्ठतम प्रोफेसर होने पर चार दिसंबर 2025 से कार्यवाहक कुलपति के रूप में कुलपति कार्यालय का प्रभार ग्रहण करता हूं।’’

भट्टाचार्य ने तेजपुर विश्वविद्यालय में जारी विरोध प्रदर्शन के संबंध में एक दिसंबर को लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रद्युत बारदोलोई द्वारा उठाए गए प्रश्न के लिखित उत्तर का भी हवाला दिया।

अपने उत्तर में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा: ‘‘केंद्रीय विश्वविद्यालय संसद के अधिनियमों के तहत स्थापित स्वायत्त संस्थान हैं और अपने संबंधित अधिनियमों, विधियों और अध्यादेशों के प्रावधानों के अनुसार शासित होते हैं।’’

उन्होंने कहा कि तेजपुर विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार, अगर कुलपति का पद रिक्त हो जाने की स्थिति में प्रो-वीसी, कुलपति के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।

मजूमदार ने संसद में कहा, ‘‘इसमें यह प्रावधान है कि अगर प्रो-वीसी उपलब्ध नहीं है, तो वरिष्ठतम प्रोफेसर कुलपति के कर्तव्यों का निर्वहन तब तक करेंगे, जब तक कि नया कुलपति पदभार ग्रहण नहीं कर लेता या मौजूदा कुलपति अपने कार्यालय के कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर लेता।’’

‘पीटीआई’ ने बृहस्पतिवार को हुई बीओएम बैठक के बाद से सभी दस्तावेज और पत्रों को देखा है।

भट्टाचार्य ने दोपहर में संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने तीन दिसंबर से होने वाली परीक्षाएं आयोजित करने के लिए कदम उठाए हैं।

भाषा यासिर दिलीप

दिलीप


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