रामनगर वन प्रभाग में बाघों की वार्षिक गणना के आंकड़े जल्द जारी किए जाएंगे

रामनगर वन प्रभाग में बाघों की वार्षिक गणना के आंकड़े जल्द जारी किए जाएंगे

रामनगर वन प्रभाग में बाघों की वार्षिक गणना के आंकड़े जल्द जारी किए जाएंगे
Modified Date: February 3, 2025 / 07:04 pm IST
Published Date: February 3, 2025 7:04 pm IST

ऋषिकेश, तीन फरवरी (भाषा) उत्तराखंड में कॉर्बेट बाघ अभयारण्य से सटे रामनगर वन प्रभाग में बाघों की वार्षिक गणना का डेटाबेस तैयार करने का काम अंतिम चरण में है। राम नगर के प्रभागीय वन अधिकारी दिगांत नायक ने यह जानकारी दी।

नायक ने बताया कि एकत्रित आंकड़ों को डेटाबेस के रूप में संकलित किया जा रहा है, जिसे उत्तराखंड के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को भेजा जाएगा।

उन्होंने बताया कि 2022 की बाघ गणना में रामनगर वन प्रभाग में 67 बाघ पाए गए थे, जो पूरे देश में किसी भी बाघ अभयारण्य के बाहर के वन प्रभाग में बाघों की सर्वाधिक संख्या थी।

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नायक के मुताबिक, ताजा गणना के आंकड़े जल्द जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि बाघों की संख्या में उत्साहजनक वृद्धि देखने को मिलेगी।

नायक के अनुसार, यह गणना राम नगर वन प्रभाग के पांचों रेंज-कोसी, कोटा, देचौरी, कालाढूंगी और फतेहपुर में की गई, जहां बाघों के अत्यधिक आवागमन वाले 165 स्थान चिन्हित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि इन स्थानों पर ट्रांजिट लाइन लगाकर ग्रिड बनाया गया है और 330 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं।

नायक के मुताबिक, ग्रिड में बाघ के शिकार की उपलब्धता और उनके मल के नमूने के आंकड़े भी लिए गए, जो बाघ की मौजूदगी के प्रत्यक्ष वैज्ञानिक प्रमाण माने जाते हैं।

उन्होंने बताया कि गणना का सारा काम रामनगर वन प्रभाग के 120 वन कर्मियों ने दो महीने में पूरा किया।

नायक ने कहा कि उन्होंने बाघ संरक्षण के प्रयासों को मजबूत करने के लिए स्वतंत्र रूप से इस वार्षिक जनगणना की पहल की।

भाषा

सं दीप्ति पारुल

पारुल


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