हिप्र सरकार का पंचायतों के पुनर्गठन और स्वास्थ्य विभाग में 1,000 रोगी मित्रों की नियुक्ति का फैसला
हिप्र सरकार का पंचायतों के पुनर्गठन और स्वास्थ्य विभाग में 1,000 रोगी मित्रों की नियुक्ति का फैसला
शिमला, 24 नवंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने पंचायतों का पुनर्गठन करने और राज्य भर के चिकित्सा संस्थानों में बेहतर रोगी देखभाल सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग में 1,000 रोगी मित्रों को नियुक्त करने का सोमवार को निर्णय लिया।
पंचायतों का पुनर्गठन ग्रामीण स्थानीय स्वशासन संस्थाओं की सीमाओं, संरचना और कार्यों को पुनर्गठित करने की एक प्रक्रिया है, ताकि शासन में सुधार हो, प्रभावी सेवा वितरण सुनिश्चित हो और बदलती जनसांख्यिकी और प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुकूल बनाया जा सके।
पंचायतों के पुनर्गठन का निर्णय ऐसे समय में आया है, जब राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) और राज्य सरकार के बीच ग्राम पंचायत चुनाव के समय पर कराने को लेकर गतिरोध चल रहा है।
राज्य में 3,500 से अधिक ग्राम पंचायतों के चुनाव दिसंबर 2025 से जनवरी 2026 तक निर्धारित हैं। चुनाव कराने की अंतिम तिथि 23 जनवरी है और राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
हालांकि, नौ अक्टूबर को जारी अधिसूचना में मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने घोषणा की थी कि मानसून में सड़कों और निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान को देखते हुए चुनाव ‘उचित संपर्क बहाल होने के बाद ही’ कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में आपदा प्रभावित परिवारों को घरेलू सामान के नुकसान की भरपाई के लिए मिलने वाली धनराशि 70,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया। साथ में प्रदेश में आपदा की स्थिति के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध करवाने के वास्ते वायुसेना के लिए 4.32 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
मंत्रिमंडल ने आग लगने की स्थिति में पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए सात लाख रुपये का विशेष सहायता पैकेज प्रदान करने का निर्णय भी लिया है।
यहां जारी एक बयान के मुताबिक, मनरेगा के अंतर्गत 150 दिनों का रोजगार उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है तथा व्यक्तिगत कार्यों के अंतर्गत ‘रिटेनिंग वॉल’ निर्मित करने के लिए दो लाख रुपये तक की राशि प्रदान करने को मंजूरी दी गई।
मंत्रिमंडल ने 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले सभी व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करने का निर्णय लिया है और इसके लिए दिव्यांगजन के अभिभावक के सरकारी, अर्ध-सरकारी, बोर्ड या निगमों के कर्मचारी या पेंशनर नहीं होने की पुरानी पात्रता शर्त को समाप्त कर दिया।
मंत्रिमंडल ने स्वापक रोधी कार्यबल का विशेष कार्य बल में विलय कर गृह विभाग के अधीन एक एकीकृत विशेष कार्य बल बनाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य संचालन क्षमता में सुधार और नशे से जुड़े मामलों से निपटने के लिए एक प्रभावी एजेंसी तैयार करना है। इसके साथ ही प्रदेश में पंचायत स्तर पर ‘चिट्टा रोधी’ (मिलावटी हेरोइन) अभियान चलाने को भी मंजूरी प्रदान की गई।
मंत्रिमंडल ने पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 800 पदों के सृजन एवं भरने को स्वीकृति प्रदान की है। जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग में 150 कनिष्ठ अभियंता (सिविल) को ‘जॉब ट्रेनी’ के रूप में भरने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में ‘मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना’ को शहरी क्षेत्रों के छोटे दुकानदारों और 10 लाख रुपये से कम वार्षिक कारोबार वाले खुदरा विक्रेताओं तक विस्तार देने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में सरकारी स्कूलों के 805 प्रधानाचार्यों की पदोन्नति के लिए डीपीसी आयोजित करने को भी स्वीकृति दी गई, जिसकी अध्यक्षता सचिव (शिक्षा) करेंगे।
भाषा नोमान दिलीप
दिलीप

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