पेंशन संबंधी प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर न्यायालय ने केंद्रीय मंत्रालयों से जवाब मांगा

पेंशन संबंधी प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर न्यायालय ने केंद्रीय मंत्रालयों से जवाब मांगा

पेंशन संबंधी प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर न्यायालय ने केंद्रीय मंत्रालयों से जवाब मांगा
Modified Date: November 24, 2025 / 08:33 pm IST
Published Date: November 24, 2025 8:33 pm IST

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को वित्त, गृह और विधि सहित विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों से भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारियों की एसोसिएशन द्वारा दायर एक याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें वित्त अधिनियम 2025 में पेश किए गए नए पेंशन सत्यापन खंड की वैधता को चुनौती दी गई है।

पूर्व के फैसलों का हवाला देते हुए एसोसिएशन ने कहा कि एक ही वर्ग के पेंशनभोगियों के साथ केवल उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।

न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने ‘फोरम ऑफ रिटायर्ड इंडियन पुलिस सर्विस ऑफिसर्स’ (एफआरआईपीएसओ) के वकील अलभ्य धमीजा के माध्यम से दायर याचिका पर संज्ञान लिया और इस मुद्दे पर लंबित अन्य मामलों के साथ इस पर अगले साल जनवरी में सुनवाई की तारीख तय की।

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याचिका में वित्त अधिनियम, 2025 के भाग-4 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है, जो ‘भारत संचित निधि से पेंशन देनदारियों पर व्यय के लिए केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों और सिद्धांतों का सत्यापन’ लागू करने का प्रयास करता है। याचिका में कहा गया है कि इसके कारण, एक ही वर्ग के अधिकारियों के साथ अलग-अलग व्यवहार किया जाएगा।

याचिका में कहा गया है कि यह कथित विधायी प्रयास उन पेंशन प्रावधानों को पुनर्जीवित और मान्य करने का है जिन्हें न्यायिक निर्णयों द्वारा निर्णायक रूप से खारिज कर दिया गया है।

भाषा शफीक माधव

माधव


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