टिपरा मोथा की युवा शाखा ने बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग के निकट विरोध प्रदर्शन किया

टिपरा मोथा की युवा शाखा ने बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग के निकट विरोध प्रदर्शन किया

टिपरा मोथा की युवा शाखा ने बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग के निकट विरोध प्रदर्शन किया
Modified Date: December 19, 2025 / 02:25 pm IST
Published Date: December 19, 2025 2:25 pm IST

(फोटो के साथ)

अगरतला, 19 दिसंबर (भाषा) टिपरा मोथा पार्टी की युवा शाखा ने बांग्लादेश में “भारत विरोधी अभियान” और पूर्वोत्तर भारत के बारे में की गई एक नेता की टिप्पणियों के विरोध में शुक्रवार को बांग्लादेश सहायक उच्चायोग के निकट विरोध प्रदर्शन किया।

युवा टिपरा महासंघ (वाईटीएफ) के विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश सहायक उच्चायोग के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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वाईटीएफ के अध्यक्ष सूरज देबबर्मा ने संवाददाताओं से कहा, “हम बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतों को याद दिलाना चाहते हैं कि भारत ने ही पाकिस्तानी सेना के दमन से बांग्लादेश को मुक्त कराया था… केवल 13 दिनों में पूर्वी पाकिस्तान को एक संप्रभु देश में बदल दिया था।”

प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की सरकार के खिलाफ भी नारे लगाए।

टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने एक ‘एक्स’ पर लिखा, “टिपरा मोथा पूर्वोत्तर भारत में एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जो बांग्लादेश (सहायक) उच्चायोग के बाहर सार्वजनिक रूप से विरोध प्रदर्शन कर रही है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जाग जाएं। हमारी असली लड़ाई एक-दूसरे से नहीं बल्कि मिनी पाकिस्तान (बांग्लादेश) से है।

बांग्लादेश में पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह के प्रमुख नेता रहे शरीफ उस्मान हादी पर हमले के विरोध में नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेता हसनत अब्दुल्ला ने एक रैली के दौरान पूर्वोत्तर के सात राज्यों को भारत से अलग करने की धमकी दी थी।

उन्होंने भारत पर क्षेत्रीय अलगाववादी नेताओं को शरण देने का आरोप लगाया था।

पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नमित पाठक ने कहा कि त्रिपुरा राज्य राइफल्स (टीएसआर) और सीआरपीएफ के जवानों को बांग्लादेश सहायक उच्चायोग की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।

उन्होंने कहा, “स्थिति को संभालने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।”

पिछले साल सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने सहायक उच्चायोग में सेंधमारी की थी, जिसके बाद केंद्र सरकार को सुरक्षा सेंधमारी के लिए माफी मांगनी पड़ी थी।

बांग्लादेश में हादी की मौत के बाद तनाव बढ़ गया है।

हादी 12 फरवरी को होने वाले आम चुनावों में एक उम्मीदवार थे। छह दिन तक जिंदगी-मौत के बीच जंग लड़ने के बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

पिछले सप्ताह उन्होंने मध्य ढाका के विजयनगर इलाके में अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की थी, तब एक नकाबपोश बंदूकधारी ने उनके सिर में गोली मार दी थी।

बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और समाचार पत्रों के कार्यालयों पर हमला कर दिया। इसके अलावा उन्होंने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के आवास ‘32 धानमंडी’ पर भी तोड़फोड़ की।

प्रदर्शनकारियों ने चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर रात 1:30 बजे पथराव भी किया, हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ।

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा


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