पीएम मोदी की मन की बात का 103 वां एपिसोड, देशवासियों से इन मुद्दों पर की चर्चा
Mann ki baat 103rd episode प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की मन की बात का 103वां एपिसोड में कई अहम मुद्दों पर की चर्चा
PM Modi Mann Ki Baat Live
Mann ki baat 103rd episode: आज पीएम मोदी की मन की बात का 103 वां एपिसेड था। पीएम ने कार्यक्रम की शुरूआत प्राकृतिक आपदाओं से पैदा हुई समस्याओं को लेकर की। पीएम ने कहा कि जुलाई का महीना यानि मानसून का महीना, बारिश का महीना। बीते कुछ दिन, प्राकृतिक आपदाओं के कारण, चिंता और परेशानी से भरे रहे हैं। यमुना समेत कई नदियों में बाढ़ से कई इलाकों में लोगों को तकलीफ उठानी पड़ी है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं भी हुई हैं। इसी दौरान, देश के पश्चिमी हिस्से में, कुछ समय पूर्व गुजरात के इलाकों में, बिपरजॉय cyclone भी आया। लेकिन साथियो, इन आपदाओं के बीच, हम सब देशवासियों ने फिर दिखाया है, कि, सामूहिक प्रयास की ताकत क्या होती है। स्थानीय लोगों ने, हमारे NDRF के जवानों ने, स्थानीय प्रशासन के लोगों ने, दिन-रात लगाकर ऐसी आपदाओं का मुकाबला किया है। किसी भी आपदा से निपटने में हमारे सामर्थ्य और संसाधनों की भूमिका बड़ी होती है – लेकिन इसके साथ ही, हमारी संवेदनशीलता और एक दूसरे का हाथ थामने की भावना, उतनी ही अहम होती है। सर्वजन हिताय की यही भावना भारत की पहचान भी है और भारत की ताकत भी है।
एमपी के शहडोल का किया जिक्र
Mann ki baat 103rd episode: आगे उन्होंने कहा कि बारिश का यही समय ‘वृक्षारोपण’ और ‘जल संरक्षण’ के लिए भी उतना ही जरुरी होता है। आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में भी रौनक बढ़ गई है। अभी 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों को बनाने का काम चल भी रहा है। हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ ‘जल संरक्षण’ के लिए नए-नए प्रयास कर रहे हैं। आपको याद होगा, कुछ समय पहले, मैं, एम.पी. के शहडोल गया था। वहाँ मेरी मुलाकात पकरिया गांव के आदिवासी भाई-बहनों से हुई थी। वहीं पर मेरी उनसे प्रकृति और पानी को बचाने के लिए भी चर्चा हुई थी। अभी मुझे पता चला है कि पकरिया गाँव के आदिवासी भाई-बहनों ने इसे लेकर काम भी शुरू कर दिया है। यहाँ, प्रशासन की मदद से, लोगों ने, करीब सौ कुओं को Water Recharge System में बदल दिया है। बारिश का पानी, अब इन कुओं में जाता है, और कुओं से ये पानी, जमीन के अंदर चला जाता है। इससे इलाके में भू-जल स्तर भी धीरे-धीरे सुधरेगा। अब सभी गाँव वालों ने पूरे क्षेत्र के करीब-करीब 800 कुएं को recharge के लिए उपयोग में लाने का लक्ष्य बनाया है। ऐसी ही एक उत्साहवर्धक खबर यू.पी. से आई है। कुछ दिन पहले, उत्तर प्रदेश में, एक दिन में, 30 करोड़ पेड़ लगाने का record बनाया गया है। इस अभियान की शुरुआत राज्य सरकार ने की, उसे, पूरा, वहाँ के लोगों ने किया। ऐसे प्रयास जन-भागीदारी के साथ-साथ जन-जागरण के भी बड़े उदाहरण हैं। मैं चाहूँगा कि, हम सब भी, पेड़ लगाने और पानी बचाने के इन प्रयासों का हिस्सा बनें।
रिकॉर्ड तोड़ हो रहीं धर्मिक यात्राएं
Mann ki baat 103rd episode: मेरे प्यारे देशवासियो, इस समय ‘सावन’ का पवित्र महीना चल रहा है। सदाशिव महादेव की साधना-आराधना के साथ ही ‘सावन’ हरियाली और खुशियों से जुड़ा होता है। इसीलिए, ‘सावन’ का आध्यात्मिक के साथ ही सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्व रहा है। सावन के झूले, सावन की मेहँदी, सावन के उत्सव – यानि ‘सावन’ का मतलब ही आनंद और उल्लास होता है।हमारी इस आस्था और इन परम्पराओं का एक पक्ष और भी है। हमारे ये पर्व और परम्पराएँ हमें गतिशील बनाते हैं। सावन में शिव आराधना के लिए कितने ही भक्त काँवड़ यात्रा पर निकलते हैं। ‘सावन’ की वजह से इन दिनों 12 ज्योतिर्लिंगों में भी खूब श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। आपको’ ये जानकार भी अच्छा लगेगा कि बनारस पहुँचने वाले लोगों की संख्या भी रिकॉर्ड तोड़ रही है। अब काशी में हर साल 10 करोड़ से भी ज्यादा पर्यटक पहुँच रहे हैं।
श्रद्धालुओँ के बढ़ने से मिल रहा रोजगार
Mann ki baat 103rd episode: अयोध्या, मथुरा, उज्जैन जैसे तीर्थों पर आने वाले श्रद्दालुओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इससे लाखों गरीबों को रोजगार मिल रहा है, उनका जीवन-यापन हो रहा है। ये सब, हमारे सांस्कृतिक जन-जागरण का परिणाम है। इसके दर्शन के लिए, अब तो पूरी दुनिया से लोग हमारे तीर्थों में आ रहे हैं। मुझे ऐसे ही दो अमेरिकन दोस्तों के बारे में पता चला है जो California से यहाँ अमरनाथ यात्रा करने आए थे। इन विदेशी मेहमानों ने अमरनाथ यात्रा से जुड़े स्वामी विवेकानंद के अनुभवों के बारे में कहीं सुना था। उससे उन्हें इतनी प्रेरणा मिली कि ये खुद भी अमरनाथ यात्रा करने आ गए। ये, इसे, भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद मानते हैं। यही भारत की खासियत है, कि सबको अपनाता है, सबको कुछ न कुछ देता है। ऐसे ही एक French मूल की महिला हैं – Charlotte Shopa (शारलोट शोपा)।
100 साल की महिला से लेना चाहिए सीथ
Mann ki baat 103rd episode: बीते दिनों जब मैं France गया था तो इनसे मेरी मुलाकात हुई थी। शारलोट शोपा एक योगा Practitioner हैं, योगा टीचर है, और उनकी उम्र, 100 साल से भी ज्यादा है। वो century पार कर चुकी हैं। वो पिछले 40 साल से योग प्रेक्टिस कर रही हैं। वो अपने स्वास्थ्य और 100 साल की इस आयु का श्रेय योग को ही देती हैं। वो दुनिया में भारत के योग विज्ञान और इसकी ताकत का एक प्रमुख चेहरा बन गई हैं। इन से हर किसी को सीखना चाहिए। हम न केवल अपनी विरासत को अंगीकार करें, बल्कि, उसे जिम्मेदारी से साथ विश्व के सामने प्रस्तुत भी करें। और मुझे खुशी है कि ऐसा ही एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है। यहाँ देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएँ बना रहे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे। इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, यानि कुछ समय बाद, जब आप उज्जैन जाएंगे, तो, महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे।
उज्जैन की पेंटिंग का किया जिक्र
Mann ki baat 103rd episode: उज्जैन में बन रही इन पेंटिंग की बात करते हुए मुझे एक और अनोखी पेंटिंग की याद आ गई है। ये पेंटिंग राजकोट के एक आर्टिस्ट प्रभात सिंग मोडभाई बरहाट जी ने बनाई थी। ये पेंटिंग, छत्रपति वीर शिवाजी महाराज के जीवन के एक प्रसंग पर आधारित थी। आर्टिस्ट प्रभात भाई ने दर्शाया था कि छत्रपति शिवाजी महाराज राज्याभिषेक के बाद अपनी कुलदेवी ‘तुलजा माता’ के दर्शन करने जा रहे थे, तो उस समय क्या माहौल था। अपनी परम्पराओं, अपनी धरोहरों को जीवंत रखने के लिए हमें उन्हें सहेजना होता है, उन्हें जीना होता है, उन्हें अगली पीढ़ी को सिखाना होता है। मुझे खुशी है, कि, आज, इस दिशा में अनेकों प्रयास हो रहे हैं।
Mann ki baat 103rd episode: कई बार जब हम Ecology, Flora, Fauna, Bio Diversity जैसे शब्द सुनते हैं, तो कुछ लोगों को लगता है कि ये तो Specialized Subject है, इनसे जुड़े Experts के विषय हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर हम वाकई प्रकृति प्रेम करते हैं, तो हम अपने छोटे-छोटे प्रयासों से भी बहुत कुछ कर सकते हैं। तमिलनाडु में वाडावल्ली के एक साथी हैं, सुरेश राघवन जी। राघवन जी को पेंटिंग का शौक है। आप जानते हैं, पेंटिंग कला और Canvas से जुड़ा काम है, लेकिन, राघवन जी ने तय किया कि वो अपनी पेंटिंग के जरिए पेड़-पौधों और जीव जंतुओं की जानकारी को संरक्षित करेंगे। वो अलग-अलग Flora और Fauna की Paintings बनाकर उनसे जुड़ी जानकारी का डॉक्यूमेंटेशन करते हैं। वो अब तक दर्जनों ऐसी चिड़ियाओं की, पशुओं की, Orchids की पेंटिंग बना चुके हैं, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं। कला के जरिए प्रकृति की सेवा करने का ये उदाहरण वाकई अद्भुत है।
Mann ki baat 103rd episode: इस दौरान पीएम ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि आज मैं आपको एक और दिलचस्प बात भी बताना चाहता हूं। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक अद्भुत क्रेज दिखा। अमेरिका ने हमें सौ से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियाँ वापस लौटाई हैं। इस खबर के सामने आने के बाद Social Media पर इन कलाकृतियों को लेकर खूब चर्चा हुई। युवाओं में अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव दिखा। भारत लौटीं ये कलाकृतियाँ ढाई हजार साल से लेकर ढाई सौ साल तक पुरानी हैं। आपको यह भी जानकर खुशी होगी कि इन दुर्लभ चीजों का नाता देश के अलग-अलग क्षेत्रों से है। ये Terracotta, Stone, Metal और लकड़ी के इस्तेमाल से बनाई गई हैं। इनमें से कुछ तो ऐसी हैं, जो आपको, आश्चर्य से भर देंगी।
Mann ki baat 103rd episode: आप इन्हें देखेंगे, तो देखते ही रह जायेंगे। इनमें 11वीं शताब्दी का एक खुबसूरत Sandstone Sculpture (स्कल्पचर) भी आपको देखने को मिलेगा। ये नृत्य करती हुई एक ‘अप्सरा’ की कलाकृति है, जिसका नाता, मध्य प्रदेश से है। चोल युग की कई मूर्तियाँ भी इनमें शामिल हैं। देवी और भगवान मुर्गन की प्रतिमाएँ तो 12वीं शताब्दी की हैं और तमिलनाडु की वैभवशाली संस्कृति से जुड़ी हैं। भगवान गणेश की करीब एक हजार वर्ष पुरानी कांसे की प्रतिमा भी भारत को लौटाई गई है। ललितासन में बैठे उमा-महेश्वर की एक मूर्ति 11वीं शताब्दी की बताई जाती है जिसमें वह दोनों नंदी पर आसीन हैं। पत्थरों से बनी जैन तीर्थंकरों की दो मूर्तियाँ भी भारत वापस आई हैं। भगवान सूर्य देव की दो प्रतिमाएं भी आपका मन मोह लेंगी। इनमें से एक Sandstone से बनी है। वापस लौटाई गई चीजों में लकड़ी से बना एक पैनल भी है, जो समुद्रमंथन की कथा को सामने लाता है। 16वीं-17वीं सदी के इस Panel (पैनल) का जुड़ाव दक्षिण भारत से है।
Mann ki baat 103rd episode: साथियो, यहाँ मैंने तो बहुत कम ही नाम लिए हैं, जबकि देखें, तो यह List, बहुत लंबी है। मैं, अमेरिकी सरकार का आभार करना चाहूँगा, जिन्होंने हमारी इस बहुमूल्य विरासत को, लौटाया है। 2016 और 2021 में भी जब मैंने अमेरिका की यात्रा की थी, तब भी कई कलाकृतियाँ भारत को लौटाई गई थी। मुझे विश्वास है कि ऐसे प्रयासों से हमारी सांस्कृतिक धरोहरों की चोरी रोकने को इस बात को ले करके देशभर में जागरूकता बढ़ेगी। इससे हमारी समृद्ध विरासत से देशवासियों का लगाव भी और गहरा होगा।
Mann ki baat 103rd episode: मेरे प्यारे देशवासियो, देवभूमि उत्तराखंड की कुछ माताओं और बहनों ने जो पत्र मुझे लिखे हैं, वो भावुक कर देने वाले हैं। उन्होंने अपने बेटे को, अपने भाई को, खूब सारा आशीर्वाद दिया है। उन्होंने लिखा है कि – ‘उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी, कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर रहा ‘भोजपत्र’, उनकी आजीविका का, साधन, बन सकता है। आप सोच रहे होंगे कि यह पूरा माजरा है क्या ?
Mann ki baat 103rd episode: साथियो, मुझे यह पत्र लिखे हैं चमोली जिले की नीती-माणा घाटी की महिलाओं ने। ये वो महिलाएं हैं, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में मुझे भोजपत्र पर एक अनूठी कलाकृति भेंट की थी। यह उपहार पाकर मैं भी बहुत अभिभूत हो गया। आखिर, हमारे यहाँ प्राचीन काल से हमारे शास्त्र और ग्रंथ, इन्हीं भोजपत्रों पर सहेजे जाते रहे हैं। महाभारत भी तो इसी भोजपत्र पर लिखा गया था। आज, देवभूमि की ये महिलाएं, इस भोजपत्र से, बेहद ही सुंदर-सुंदर कलाकृतियाँ और स्मृति चिन्ह बना रही हैं। माणा गांव की यात्रा के दौरान मैंने उनके इस Unique प्रयास की सराहना की थी। मैंने, देवभूमि आने वाले पर्यटकों से अपील की थी, कि वो, यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा Local Products खरीदें। इसका वहाँ बहुत असर हुआ है। आज, भोजपत्र के उत्पादों को यहाँ आने वाले तीर्थयात्री काफी पसंद कर रहे हैं और इसे अच्छे दामों पर खरीद भी रहे हैं। भोजपत्र की यह प्राचीन विरासत, उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन में खुशहाली के नए-नए रंग भर रही है। मुझे यह जानकर भी खुशी हुई है कि भोजपत्र से नए-नए Product बनाने के लिए राज्य सरकार, महिलाओं को Training भी दे रही है।
Mann ki baat 103rd episode: राज्य सरकार ने भोजपत्र की दुर्लभ प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए भी अभियान शुरू किया है। जिन क्षेत्रों को कभी देश का आखिरी छोर माना गया था, उन्हें अब, देश का प्रथम गाँव मानकर विकास हो रहा है। ये प्रयास अपनी परंपरा और संस्कृति को संजोने के साथ आर्थिक तरक्की का भी जरिया बन रहा है।
Mann ki baat 103rd episode: मेरे प्यारे देशवासियो, ‘मन की बात’ में मुझे इस बार काफी संख्या में ऐसे पत्र भी मिले हैं, जो मन को बहुत ही संतोष देते है। ये चिट्ठी उन मुस्लिम महिलाओं ने लिखी हैं, जो हाल ही में हज यात्रा करके आई हैं। उनकी ये यात्रा कई मायनों में बहुत खास है। ये वो महिलाएं हैं, जिन्होंने, हज की यात्रा, बिना किसी पुरुष सहयोगी या मेहरम के बिना पूरी की है और ये संख्या सौ-पचास नहीं, बल्कि, 4 हज़ार से ज्यादा है – यह एक बड़ा बदलाव है। पहले, मुस्लिम महिलाओं को बिना मेहरम, ‘हज’ करने की इजाजत नहीं थी। मैं ‘मन की बात’ के माध्यम से सऊदी अरब सरकार का भी ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ। बिना मेहरम ‘हज’ पर जा रही महिलाओं के लिए ख़ासतौर पर women coordinators नियुक्ति की गई थी।
Mann ki baat 103rd episode: साथियो, बीते कुछ वर्षों में Haj Policy में जो बदलाव किए गए हैं, उनकी भरपूर सराहना हो रही है। हमारी मुस्लिम माताओं और बहनों ने इस बारे में मुझे काफी कुछ लिखा है। अब, ज्यादा से ज्यादा लोगों को ‘हज’ पर जाने का मौका मिल रहा है। ‘हज यात्रा’ से लौटे लोगों ने, विशेषकर हमारी माताओं-बहनों ने चिट्ठी लिखकर जो आशीर्वाद दिया है, वो अपने आप में बहुत प्रेरक है।
Mann ki baat 103rd episode: मेरे प्यारे देशवासियो, जम्मू-कश्मीर में Musical Nights हों, High Altitudes में Bike Rallies हों, चंडीगढ़ के local clubs हों, और, पंजाब में ढेर सारे Sports Groups हों, ये सुनकर लगता है, Entertainment की बात हो रही है , Adventure की बात हो रही है। लेकिन बात कुछ और है, ये आयोजन एक ‘common cause’ से भी जुड़ा हुआ है। और ये common cause है – drugs के खिलाफ जागरूकता अभियान। जम्मू-कश्मीर के युवाओं को Drugs से बचाने के लिए कई Innovative प्रयास देखने को मिले हैं। यहाँ, Musical Night, Bike Rallies जैसे कार्यक्रम हो रहे हैं। चंडीगढ़ में इस Message को Spread करने के लिए Local Clubs को इससे जोड़ा गया है। वे इन्हें VADA (वादा) clubs कहते हैं। VADA यानी Victory Against Drugs Abuse. पंजाब में कई Sports Groups भी बनाए गए हैं, जो Fitness पर ध्यान देने और नशा मुक्ति के लिए Awareness Campaign चला रहे हैं। नशे के खिलाफ अभियान में युवाओं की बढ़ती भागीदारी बहुत उत्साह बढ़ाने वाली है। ये प्रयास, भारत में नशे के खिलाफ अभियान को बहुत ताकत देते हैं। हमें देश की भावी पीढ़ियों को बचाना है, तो उन्हें, drugs से दूर रखना ही होगा। इसी सोच के साथ, 15 अगस्त 2020 को ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ की शुरुआत की गई थी। इस अभियान से 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को जोड़ा गया है। दो हफ्ते पहले ही भारत ने drugs के खिलाफ बहुत बड़ी कारवाई की है। drugs की करीब डेढ़ लाख किलो की खेप को जब्त करने के बाद उसे नष्ट कर दिया गया है। भारत ने 10 लाख किलो Drugs को नष्ट करने का अनोखा record भी बनाया है। इन Drugs की कीमत 12,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा थी। मैं, उन सभी की सराहना करना चाहूँगा, जो, नशा मुक्ति के इस नेक अभियान में अपना योगदान दे रहे हैं। नशे की लत, न सिर्फ परिवार, बल्कि, पूरे समाज के लिए बड़ी परेशानी बन जाती है। ऐसे में यह खतरा हमेशा के लिए ख़त्म हो, इसके लिए जरुरी है कि हम सब एकजुट होकर इस दिशा में आगे बढ़ें।
Mann ki baat 103rd episode: मेरे प्यारे देशवासियो, जब बात drugs और युवा-पीढ़ी की हो रही है, तो मैं आपको मध्य प्रदेश की एक Inspiring-journey के बारे में भी बताना चाहता हूँ। ये Inspiring Journey है Mini Brazil की। आप सोच रहे होंगे कि मध्य प्रदेश में Mini Brazil कहां से आ गया, यही तो twist है। एम.पी. के शहडोल में एक गांव है बिचारपुर। बिचारपुर को Mini Brazil कहा जाता है। Mini Brazil इसलिए, क्योंकि ये गांव आज फुटबाल के उभरते सितारों का गढ़ बन गया है। जब कुछ हफ्ते पहले मैं शहडोल गया था, तो मेरी मुलाक़ात वहां ऐसे बहुत सारे Football खिलाड़ियों से हुई थी। मुझे लगा कि इस बारे में हमारे देशवासियों को और खासकर युवा साथियों को ज़रूर जानना चाहिए।
Mann ki baat 103rd episode: साथियो, बिचारपुर गांव के Mini Brazil बनने की यात्रा दो-ढाई दशक पहले शुरू हुई थी। उस दौरान, बिचारपुर गांव अवैध शराब के लिए बदनाम था, नशे की गिरफ्त में था। इस माहौल का सबसे बड़ा नुकसान यहाँ के युवाओं को हो रहा था। एक पूर्व National Player और coach रईस एहमद ने इन युवाओं की प्रतिभा को पहचाना। रईस जी के पास संसाधन ज्यादा नहीं थे, लेकिन उन्होंने, पूरी लगन से, युवाओं को, Football सिखाना शुरू किया। कुछ साल के भीतर ही यहाँ Football इतनी popular हो गयी, कि बिचारपुर गांव की पहचान ही Football से होने लगी। अब यहाँ Football क्रांति नाम से एक प्रोग्राम भी चल रहा है। इस प्रोग्राम के तहत युवाओं को इस खेल से जोड़ा जाता है और उन्हें training दी जाती है। ये प्रोग्राम इतना सफ़ल हुआ है कि बिचारपुर से National और state level के 40 से ज्यादा खिलाड़ी निकले हैं। ये Football क्रांति अब धीरे- धीरे पूरे क्षेत्र में फैल रही है। शहडोल और उसके आसपास के काफ़ी बड़े इलाके में 1200 से ज्यादा Football club बन चुके हैं। यहाँ से बड़ी संख्या में ऐसे खिलाड़ी निकल रहे है, जो, National level पर खेल रहे हैं। Football के कई बड़े पूर्व खिलाड़ी और coach, आज, यहाँ, युवाओं को, Training दे रहे हैं। आप सोचिये, एक आदिवासी इलाका जो अवैध शराब के लिए जाना जाता था, नशे के लिए बदनाम था, वो अब देश की Football Nursery बन गया है। इसीलिए तो कहते हैं – जहां चाह, वहां राह। हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। ज़रूरत है तो उन्हें तलाशने की और तराशने की। इसके बाद यही युवा देश का नाम रौशन भी करते हैं और देश के विकास को दिशा भी देते हैं।
Mann ki baat 103rd episode: मेरे प्यारे देशवासियो, आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हम सभी पूरे उत्साह से ‘अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं। ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान देश में करीब-करीब दो लाख कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। ये कार्यक्रम एक से बढ़कर एक रंगों से सजे थे, विविधता से भरे थे। इन आयोजनों की एक खूबसूरती ये भी रही कि इनमें record संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान हमारे युवाओं को देश की महान विभूतियों के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला। पहले कुछ महीनों की ही बात करें, तो जन-भागीदारी से जुड़े कई दिलचस्प कार्यक्रम देखने को मिले। ऐसा ही एक कार्यक्रम था – दिव्यांग लेखकों के लिए ‘Writers’ Meet’ का आयोजन। इसमें record संख्या में लोगों की सहभागिता देखी गई। वहीँ, आंध्र प्रदेश के तिरुपति में ‘राष्ट्रीय संस्कृत सम्मलेन’ का आयोजन हुआ। हम सभी जानते हैं कि हमारे इतिहास में किलों का, forts का, कितना महत्व रहा है। इसी को दर्शाने वाली एक Campaign, ‘किले और कहानियाँ’ यानी Forts से जुड़ी कहानियाँ भी लोगों को खूब पसंद आई।
Mann ki baat 103rd episode: साथियो, आज जब देश में, चारों तरफ ‘अमृत महोत्सव’ की गूँज है, 15 अगस्त पास ही है तो देश में एक और बड़े अभियान की शुरुआत होने जा रही है। शहीद वीर-वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिए ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान शुरू होगा। इसके तहत देश-भर में हमारे अमर बलिदानियों की स्मृति में अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे। इन विभूतियों की स्मृति में, देश की लाखों ग्राम पंचायतों में, विशेष शिलालेख भी स्थापित किए जाएंगे। इस अभियान के तहत देश-भर में ‘अमृत कलश यात्रा’ भी निकाली जाएगी। देश के गाँव-गाँव से, कोने-कोने से, 7500 कलशों में मिट्टी लेकर ये ‘अमृत कलश यात्रा’ देश की राजधानी दिल्ली पहुचेंगी। ये यात्रा अपने साथ देश के अलग-अलग हिस्सों से पौधे लेकर भी आएगी। 7500 कलश में आई माटी और पौधों से मिलाकर फिर National War Memorial के समीप ‘अमृत वाटिका’ का निर्माण किया जाएगा। ये ‘अमृत वाटिका’, ‘एक भारत-श्रेठ भारत का’ भी बहुत ही भव्य प्रतीक बनेगी। मैंने पिछले साल लाल किले से अगले 25 वर्षों के अमृतकाल के लिए ‘पंच प्राण’ की बात की थी। ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान में हिस्सा लेकर हम इन ‘पंच प्राणों’ को पूरा करने की शपथ भी लेंगे। आप सभी, देश की पवित्र मिट्टी को हाथ में लेकर शपथ लेते हुए अपनी सेल्फी को yuva.gov.in पर जरुर upload करें। पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के लिए जैसे पूरा देश एक साथ आया था, वैसे ही हमें इस बार भी फिर से, हर घर तिरंगा फहराना है, और इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ाना है। इन प्रयासों से हमें अपने कर्तव्यों का बोध होगा, देश की आजादी के लिए दिए गए असंख्य बलिदानों का बोध होगा, आजादी के मूल्य का ऐहसास होगा। इसलिए, हर देशवासी को, इन प्रयासों से, जरुर जुड़ना चाहिए।
Mann ki baat 103rd episode: मेरे प्यारे देशवासियो, ‘मन की बात’ में आज बस इतना ही। अब कुछ ही दिनों में हम 15 August आजादी का ये महान पर्व का हिस्सा बनेंगे। देश की आजादी के लिए मर-मिटने वालों को, हमेशा याद रखना है। हमें, उनके सपनों को सच करने के लिए दिन-रात मेहनत करनी है और ‘मन की बात’ देशवासियों की इसी मेहनत को, उनके सामूहिक प्रयासों को सामने लाने का ही एक माध्यम है। अगली बार, कुछ नये विषयों के साथ, आपसे मुलाकात होगी। बहुत बहुत धन्यवाद। नमस्कार।
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